पिथौरागढ़ :47 वर्ष पूर्व पोलिंग पार्टी को ही बर्फ में दबा मान लिया था
वर्तमान में बर्फीले स्थानों पर मतदान कराने के लिए प्रशासन तमाम व्यवस्थाएं कर रहा है। मतदान कार्मिकों के लिए स्लीपिंग बैग से लेकर गर्म कपड़े पहुंचा दिए हैं। आपदा आने पर अर्द्धसैनिक बलों के जवान तैनात किए जा रहे हैं। आज से 47 वर्ष पूर्व यह सब नहीं होता था। धारचूला से आगे का सारा मार्ग पैदल था। संचार की कोई सुविधा नहीं थी, कार्मिकों का बीमा तक नहीं होता था। विषम परिस्थिति में मीलों पैदल चलकर मतदान कार्मिक मतदान केंद्रों तक पहुंचते थे।
47 वर्ष पूर्व 1971 में आठ मार्च को चुनाव हुए थे। तब की डीडीहाट विधानसभा सीट के तहसील धारचूला के अति दुर्गम गाला गाड़ मतदान केंद्र में तैनात की गई मतदान पार्टी के पीठासीन अधिकारी बापू राइंका नारायणनगर के शिक्षक एवं पिथौरागढ़ के पपदेव गांव निवासी स्व. मोती लाल चौधरी थे।
मार्च
माह
था
मौसम
अनुकूल
नहीं
था।
मतदान
पार्टी
डीडीहाट
से
छह
मार्च
को
रवाना
हुई।
इस
टीम
में
स्व.
चौधरी
के
अलावा
विश्वेश्वर
प्रसाद
त्रिपाठी,
सुंदर
सिंह
दुग्ताल
और
अनुसेवक
बची
सिंह
थे।
मतदान
पार्टी
धारचूला
से
पैदल
मार्ग
से
23 किमी
दूर
पांगू
को
रवाना
हुई।
मौसम
खराब
हो
गया
और
बर्फबारी
होने
लगी।
पांगू
से
आगे
का
रास्ता
बेहद
दुर्गम
तो
था
ही
ऊंचाई
बढ़ने
के
कारण
हिमपात
भी
अधिक
होने
लगा।
मार्ग
लगभग
10 हजार
फिट
की
ऊंचाई
पर
स्थित
रुंगलिंग
टॉप
से
होकर
गुजरता
था।
इन
स्थानों
पर
पांच
से
छह
फिट
के
बीच
बर्फ
पड़
चुकी
थी।
यह
टीम
यह
मार्ग
पार
कर
गाला
गाड़
पहुंची
और
भारी
बर्फबारी
के
बीच
मतदान
संपन्न
कराया।
मौसम
के
रंग
को
देखते
प्रशासन
परेशान
था।
मतदान
पार्टी
के
मार्ग
में
फंस
कर
किसी
अनहोनी
की
संभावना
को
देखते
पुलिस
और
राजस्व
की
टीम
मतदान
पार्टी
का
पता
लगाने
भेजा।
क्षेत्र
में
पांच
से
छह
फिट
बर्फ
जमी
होने
से
पुलिस
और
राजस्व
टीम
मतदान
पार्टी
को
बर्फ
में
दबा
मान
कर
लौट
गई
थी।
विषम
मौसम
में
बर्फीले
मार्गों
से
होते
हुए
मतदान
संपन्न
कराने
वाली
टीम
को
तत्कालीन
जिलाधिकारी
विवेक
नारायण
चन्ना
ने
पीठासीन
अधिकारी
मोती
लाल
चौधरी
सहित
सभी
को
प्रशस्ति
पत्र
और
एक
हजार
रुपये
का
नकद
इनाम
दिया
था।
डीएम
ने
इसके
लिए
बधाई
संदेश
देते
हुए
इसकी
सराहना
की
थी।
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