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Thursday, February 23, 2017

Celebrities ambassadors burden on Uttarakhand

बोझ साबित हुये उत्तराखण्ड पर सलेब्रिटी एम्बेसडर

उत्तराखण्ड की सरकारों के दिलोदिमाग पर फ़िल्मी  और क्रिकेट की हस्तियों का नशा राज्य के लिये महंगा साबित हो रहा है। चाहे हेमा मालिनी हो या फर महेन्द्र सिंह धौनी , इनको पर्यटन जैसे क्षेत्रों का ब्राण्ड एम्बेसडर बनाये जाने का राज्य को कोई फायदा तो हुआ नहीं मगर इनके महंगे बिलों ने राज्य सरकार पर करोड़ों की चपत अवश्य लगा दी है।
सन् 2013 की अकल्पनीय जलप्रलय से तबाह हिमालयी तीर्थ केदारनाथ की यात्रा को सामान्य बनाने के लिये प्रख्यात सूफी गायक कैलाश खेर की डॉक्यूमेंट्री  का करोड़ों रुपयों का बिल अभी पूरी तरह अदा भी नहीं हुआ था कि क्रिकेट टीम के मौजूदा कप्तान विराट कोहली का 47 लाख का बिल चर्चाओं में गया। पता चला है कि यह बिल कुल 50 लाख रुपये का था जो कि कर आदि को काट कर लगभग 47 लाख का रह गया और राज्य सरकार ने उसका भुगतान भी कर दिया। इधर  कैलाश खेर कुल 12 करोड़ के बिल में से शेष भुगतान के लिये मुंबई से देहरादून के चक्कर काट रहे हैं। रमेश पोखरियाल निशंक से लेकर हरीश रावत तक की सरकारों ने महेन्द्र सिंह धैनी को बाघ बचाओ अभियान के लिये, हेमा मालिनी को स्पर्श गंगा अभियान के लिये, दलीप सिंह राणा उर्फ ग्रेट खली को खेलों के लिये तथा विराट कोहली को पर्यटन विकास के लिये ब्राण्ड एम्बेसडर बनाया गया था। इनके अलावा भी पर्वतारोही ताशी-नुग्शी आदि को भी प्रदेश का ब्राण्ड एम्बेसडर बनाया गया, जिनसे अब तक कोई फायदा तो हुआ नहीं मगर राज्य पर बोझ  अवश्य ही पड़ा है।

ताजा मामला भारतीय टीम के कप्तान विराट कोहली का है जिन्हें  60 सेकेंड के आडियो विजुअल के लिए 47.19 लाऽ रुपये का भुगतान राज्य आपदा  प्रबंधन  प्राध्किरण के मद से कर दिया गया। मामला भले ही डेढ़ साल पुराना हो लेकिन यह मामला अब फिर  उछल गया है। भाजपा ने इसे आपदा घोटाला करार देते हुए उच्च स्तरीय जांच की मांग की है। भाजपा नेता और पूर्व प्रदेश सह मीडिया प्रभारी अजेन्द्र अजय ने आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार ने भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान विराट कोहली को पर्यटन विकास के लिए ब्रांड एंबेसडर बनाया। सरकार ने इसके लिए एक 60 सेकेंड का ऑडियो विजुअल तैयार किया। उन्होंने कहा कि इसमें विराट कोहली प्रदेश के पर्यटन का प्रचार करते नजर रहे हैं। इसके लिए सरकार ने उन्हें 47.19 लाख  रुपये का भुगतान किया। उन्होंने आरोप लगाया कि यह भुगतान कैलाश इंटरटेनमेंट फर्म के माध्यम से किया गया है। यह वही फर्म है जिसके जरिये सूपफी गायक कैलाश खेर  को केदारनाथ पर डॉक्यूमेंट्री बनाने के लिए 12 करोड़ रुपये की धनराशि  दी गई थी। भाजपा नेता अजेंद्र अजय ने इसके साथ एक पत्र भी जारी किया है। इसमें स्पष्ट किया गया है कि उत्तराखंड स्टेट डिजास्टर मैनेजमेंट आथारिटी (यूएसडीएमएद) ने मेल के जरिए मिले निर्देशों के क्रम में कैलाश इंटरटेंनमेंट को 47.19 लाऽ का भुगतान किया। इस संबंध् में आपदा प्रबंधन  सचिव अमित नेगी ने कहा कि इस मामले की जानकारी उन्हें नहीं है। यह मामला तकरीबन डेढ़ वर्ष पुराना है, तब उनके पास आपदा प्रबंधन विभाग नहीं था।

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