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Wednesday, July 11, 2018

गढवाली में रूपान्तरित पुस्तक ‘श्री गढ़गीता जी’ का लोकार्पण



 गढवाली में रूपान्तरित पुस्तक ‘श्री गढ़गीता जी’ का लोकार्पण।
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने गुरूवार को मुख्यमंत्री आवास में स्व.जगदीश प्रसाद थपलियाल द्वारा श्रीमद्भगवद्गीता के गढ़वाली में रूपान्तरित पुस्तक ‘‘श्री गढ़गीता जी’’ का लोकार्पण किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहाकि गीता के उपदेशों में मनुष्य जीवन की वास्तविक दिशा एवं सार्थकता निर्धारित की गई है। हमारे ऋषियों ने गहनतपस्या  अध्ययन के पश्चात जिस ज्ञान को आत्मसात किया उसे उन्होंने वेदों का नाम दिया। भगवद् गीता में वेदों,उपनिदषदों का सार निहित हैइसीलिये हमारे मनीषियों ने ‘‘भगवद्गीता’’ को मनुष्य मात्र के लिये सबसे उपयोगी ग्रन्थबताया है।
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि ‘‘भगवद्गीता’’ मनुष्य को सांसारिक सक्रियता का उपदेश ही नहीं देती बल्कि जीवन केप्रति दार्शनिक दृष्टिकोण  निष्काम कर्म का भी सन्देश देती है। जीवन की उलझनोंहताशा  अनिश्चितताओं से पारपाने में भी भगवद्गीता हमारा मार्गदर्शन करती है। विश्व की सबसे प्रसिद्ध पुस्तकों में भगवद्गीता को सम्मिलित होनाइस ग्रन्थ की वैश्विक स्वीकार्यता को भी दर्शाता है
इस अवसर पर पद्मश्री लीलाधर जगूड़ी ने कहा कि स्वजगदीश प्रसाद थपलियाल महज एक शिक्षक ही नहीं थेवे गुरूहोकर भी जीवन भर जिज्ञासु छात्र जैसा विचारपूर्णकर्ममय जीवन बिताने की चेष्टा में संलग्न रहे। गीता ने उनके जीवनमें मार्ग दर्शक का कार्य किया और उन्होंने गढ़वाली भाषा पर यह उपकार किया कि उन सूक्तिपरक महान विचारों कीप्रस्तुति अपनी लोक बोली में करने की ठानी। यह उनका हम पर उपकार है। उन्होंने कहा कि गढ़वाली भाषा में गीता केश्लोकों का अविकल अनुवाद करके स्वजगदीश प्रसाद  थपलियाल ने विशेष रूप से समाज के बीच अपनी उपस्थितिदर्ज की है।
इस अवसर पर विधायक श्री मुन्ना सिंह चौहानपूर्व राजभाषा निदेशक श्री विश्वनाथ कैलखुरीडॉराम विनय सिंह,वरिष्ठ पत्रकार एवं लेखक श्री जय सिंह रावतस्व.जगदीश प्रसाद थपलियाल की पत्नी श्रीमती चन्द्रकला थपलियाल  उनकी पुत्रीश्रीमती ज्योत्सना थपलियाल के साथ ही उनके परिजन आदि उपस्थित थे। 
श्री गढ़गीता जी का प्रकाशन विनसर पब्लिसिंग द्वारा उत्तराखण्ड संस्कृति विभाग द्वारा प्रदत्त आर्थिक सहयोग सेकिया गया है। पुस्तक का सम्पादन विशेष कार्याधिकारीसूचना श्री मलकेश्वर प्रसाद कैलखुरी द्वारा किया गया है।विनसर पब्लिसिंग के निदेशक श्री कीर्ति नवानी द्वारा आभार व्यक्त किया गया।