उत्तराखण्ड में हजारों हिमाच्छादित केन्द्रों पर मतदान की चुनौती
जयसिंह रावत देहरादून।
उत्तराखंड में लगातार ठंड और बर्फबारी के कारण चुनाव प्रचार में हो रही मुश्किलों को देखते हुये निर्वाचन आयोग हिमाच्छादित क्षेत्रों में मतदान की तिथि आगे बढ़ा सकता है। प्रदेश में समुद्रतल से 5500 फुट से अधिक उंचाई वाले 400 से अधिक मतदान केन्द्रों के हिमाच्छादित रहने की उम्मीद ह,ै जबकि व्यापक वर्षा और हिमपात की स्थिति में ऐसे केन्द्रों की संख्या हजारों तक पहुंच सकती है। प्रदेश में 5000 से अधिक ऐसे गांव हैं जो कि मोटर मार्ग से काफी दूर हैं।
राज्य निर्वाचन कार्यालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार जिला अधिकारियों से मांगी गयी ताजा रिपोर्ट में प्रदेश में राज्य के कुल 9744 मतदान केनछ्रों में से वर्तमान में 400 केन्द्र ताजा हिमपात के दायरे में हैं। राज्य में कुल 1452 केन्द्र अति संवेदनशील तथा 1799 केन्द्र संवेदनशील घोषित किए गए हैं। नौ सीटों पर अतिरिक्त इलैक्ट्रानिक वोटिंग मशीनों (ईवीएम) की जरूरत को ध्यान में रखते हुये पंजाब से 1500 इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीनें मंगाई गई हैं। मुख्य निर्वाचन अधिकारी श्रीमती राधा रतूड़ी ने बताया कि नवीनतम रिपोर्ट के अनुसार राज्य के 400 मतदान केन्द्र हिमपात के दायरे में हैं। मौसम के अनुसार इनकी संख्या कम या अधिक हो रही है। दो दिन पहले इनकी संख्या 600 थी। उन्होंने बताया कि धूप खिलने पर हिमपात प्रभावित बूथों की संख्या कम हो रही है और फिर से बर्फ पड़ने पर बढ़ जा रही है। देहरादून जिले की जनजाति सीट चकराता के 45 मतदेय स्थलों पर मतदान मौसम पर ही निर्भर करेगा। जबकि सीमान्त जिला उत्तरकाशी में ऐसेे 100 से भी अधिक केन्द्र और चमोली में 154 केन्द्र चिन्हित किये गये हैं। कुछ दिन पहले चमोली में 53 केन्द्र चिन्हित किये गये थे।
श्रीमती रतूड़ी ने कहा कि अब मौसम के आधार पर मतदान की तिथि आगे बढ़ने की संभावना नहीं है। उन्होंने बताया कि राज्य में अति संवेदनशील मतदान केन्द्रों की संख्या 1452 है, जबकि संवेदनशील बूथों की संख्या 1799 है। सबसे अधिक हरिद्वार में 392 अति संवेदनशील और 292 संवेदनशील, ऊधमसिंह नगर में 312 अति संवेदनशील और 440 संवेदनशील, देहरादून में 213 अति संवेदनशील और 309 संवेदनशील बूथ हैं। उन्होंने बताया कि निर्वाचन आयोग की दिल्ली में हुई बैठक में चुनाव वाले राज्यों की सीमा पर मतदान के दिन सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखने और सीमा से धन की आवाजाही पर रोक लगाने पर चर्चा हुई। सीमा से लगे राज्यों से भी कानून व्यवस्था बनाए रखने में सहयोग देने को कहा गया है। उन्होंने कहा कि नौ सीटों पर 16 से अधिक उम्मीदवार मैदान में हैं। ऐसी सीटों के लिए एक से अधिक ईवीएम मशीन की जरूरत पड़ेगी। इसके लिए पंजाब से 1500 अतिरिक्त ईवीएम मशीनें मंगाई गई हैं। उन्होंने कहा कि आज से पोस्टल बैलेट भेजे जाने शुरू कर दिए गए हैं। चुनाव ड्यूूटी में लगे निजी वाहनों के चालकों तथा क्लीनरों को भी पोस्टल बैलेट से वोट करने का अधिकार मिलेगा।
इधर सुविज्ञ सूत्रों के अनुसार अगले कुछ दिनों में स्थिति देखकर आयोग द्वारा मौसम का जायजा लिया जाएगा। आयोग मौसम विभाग और राज्य में चुनाव से जुड़े अधिकारियों के संपर्क में है। सूत्रों के अनुसार अगले कुछ दिनों मेंमौसम के कारण उत्पन्न स्थिति की फिर से समीक्षा होगी। तब तक स्थिति नहीं सुधरी तो प्रभावित क्षेत्रों में या फिर पूरे राज्य में तिथि आगे बढ़ाने का फैसला हो सकता है।
सीमान्त जिला उत्तरकाशी जिले के तीन विधानसभा क्षेत्रों के 100 से अधिक गांव इन दिनों बर्फ की चपेट में हैं। गंगा वैली से यमुना वैली से संपर्क कटा हुआ है। जनजाति मोरी क्षेत्र में भारी बर्फबारी से जहां फतेहपर्वत क्षेत्र के पांच दर्जन से भी अधिक गांवों का नैटवाड से आगे सांकरी, तालुका, जखोल मोटरमार्ग बंद होने से आवाजाही पूर्ण रूप से बाधित है। मोरी क्षेत्र में जबरदस्त बर्फबारी देख तमाम पार्टियों के उम्मीदवारों व समर्थकों ने मोरी, पुरोला व नौगांव क्षेत्र के दूरस्थ ग्रामीण क्षेत्रों को छोड़ फिलहाल विधानसभा क्षेत्र के नजदीकी गांवों में जाना शुरू किया है। यदि क्षेत्र में मौसम के मिजाज में बदलाव नहीं आया तथा फिर बर्फबारी हुई तो चुनाव प्रचार तो दूर चुनाव डय़ूटी में लगे कर्मचारियों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड ़सकता है।
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