उत्तराखण्ड में टीम अन्ना का स्वागत जूते और हंगामे के साथ
विधानसभा चुनावों वाले पांच राज्यों में भ्रष्ट प्रत्याशियों के विरोध और लोकपाल समर्थकों के समर्थन में अभियान पर निकली टीम अन्ना को शनिवार को पहले ही दिन विरोघ का सामना करना पड़ गया। अभियान की श्रीगणेेश करते समय उनके विरोधियों ने जहां हंगामा खड़ा कर दिया वहीं देहरादून में उनका स्वागत जूता फेंकने से हुआ।
कुम्भ नगरी हरिद्वार से राजनीति की सफाई के अभियान पर निकली टीम अन्ना के सदस्यों को शायद ही ऐसी आशंका होगी कि पांच चुनावी राज्यों के लिये चलाई जा रही इस मुहिम की शुरुआत में ही उन्हें इस तरह के स्वागत का सामना करना पड़ेगा। हरिद्वार के गीत गोविन्द बैंक्वेट हाल में आयोजित सभा में टीम के सदस्यों में से अरविन्द केजरीवाल, किरण बेदी, कुमार विश्वास और मनीष सिसोदिया एक-एक कर भाषण दे ही रहे थे कि तब तक उनके विरोध में कुछ लोगों द्वारा हंगामा खड़ा हो गया। उनके विरोधियों का साफ आरोप था कि यह टीम भाजपा की बी टीम है और भाजपा के प्रचार के लिये ही यहां नाटक करने आई है। इन हंगामा करने वालों को वहां तैनात पुलिस ने तत्काल काबू कर दिया।
देहरादून पहुंचने पर टीम के सदस्यों की सुभाष रोड स्थित लार्ड बैंकटेश्वर बैक्वेट हाल में सभा चल ही रही थी कि तभी आगे बैठे एक युवक ने मंच पर आसीन टीम सदस्यों पर जूता निकाल कर फेंक दिया। यह जूता मंच पर बैठे टीम के किसी सदस्य तो नहीं लगा मगर वहां तैनात पुलिस ने तत्काल युवक को काबू कर वहां से उठा लिया। युवक का भी यही कहना था कि अन्ना की टीम नहीं यह गैंग है और भाजपा के प्रचार के लिये ही आयी हुयी है। बाद में पूछताछ में उसने अपना नाम किशन लाल बताया और कहा कि वह देहरादून के ही प्रेमनगर का निवासी है तथा उसने जूता इसलिये फेंका क्योकि जब एक आदमी ने शरद पंवार पर थप्पड़ मारा था तो अन्ना हजारे ने उसका समर्थन कर कहा था कि बस केवल एक ही मारा। उसका यह भी कहना था कि टीम भाजपा के भ्रष्टाचार को सही मान रही है।
टीम अन्ना को देहरादून के बाद श्रीनगर अल्मोडा आदि 6 स्थानों पर जनसभाओं को समबोधित करना है। उसके बाद टीम अन्य राज्यों का दौरा करेगी। रुलक संस्था के अध्यक्ष और प्रख्यात समाजसेवी पद्मश्री अवधेश कौशल ने आज फिर टीम अन्ना का भाजपा का ऐजेण्ट बताया और कहा कि खण्डूड़ी के वाहियात लोकायुकत की फिर तारीफ कर अन्ना की टीम ने अपनी असलियत जाहिर कर दी है। उत्तराखंड के लोग देश के सामने खड़े मुद्दों पर स्पष्ट राय रखते हैं। ऐसे में देहरादून व उत्तराखंड के तमाम शहरों के लोगों को बाहरी लोगों की राय जानने की जरूरत नहीं। उत्तराखंड के लोग समझबूझकर वोट देना जानते हैं। उनका कहना है कि एक ओर टीम अन्ना कह रही है कि वह किसी पार्टी के पक्ष में प्रचार नहीं करेंगे लेकिन दूसरी ओर यही अन्ना टीम बिना पढ़े उत्तराखंड सरकार के लोकायुक्त विधेयक को 100 प्रतिशत अपने जनलोकपाल विधेयक के समान बताती रही है। मानवाधिकार कार्यकर्ती डॉ. प्रिया जादू का कहना है कि टीम अन्ना को अपना दिल्ली में ही रहना चाहिए और पहले अपनी छवि ठीक करने की कोशिश करनी चाहिए।
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