ड्रोन अर्थव्यवस्था को लगे पंख: प्रमुख बिंदु ड्रोन पर जीएसटी को 18/28 प्रतिशत से घटा कर एक समान 5 प्रतिशत किया गया। इस सुधार ने वर्गीकरण के विवादों को खत्म किया और नीति की निश्चितता सुनिश्चित की। मेक इन इंडिया के अंतर्गत स्वदेश में ड्रोन निर्माण को बढ़ावा मिला। कृषि, खनन, लॉजिस्टिक्स और रक्षा में ड्रोन के उपयोग का विस्तार। मैनुफैक्चरिंग, सॉफ्टवेयर और फील्ड ऑपरेशन में रोजगार पैदा होने की संभावना।
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