जी.एस.टी. लागू करने की कार्यवाही में खर्च पौने तीन करोड़
उत्तराखंड में जी.एस.टी. एक्ट विधानसभा में पास होन से पहले ही वाणिज्यकर विभाग द्वारा जी.एस.टी. लागू करने हेतु की गयी कार्यवाहियों पर 31 मार्च 2017 तक दो करोड़ 74 लाख 78 हजार 767 रूपये की भारी भरकम रकम खर्च कर दी गयी है।
सूचना अधिकार के अन्तर्गत वाणिज्य कर मुख्यालय मुख्यालय द्वारा एक आरटीआइ कार्यकर्ता को उपलब्ध करायी खर्च की सूचना के अनुसार जी.एस.टी. लागू करने की कार्यवाहियों में 31 मार्च 2017 तक 6 मदों में कुल 2 करोड़ 74 लाख 78 हजार 767 रूपये की धनराशि खर्च की गयी है। इसमें मदों का पूर्ण विवरण उपलब्ध नहीं कराया गया है। केवल मद संख्या का उल्लेख किया गया है। सर्वाधिक 2 करोड़ 51 लाख 65 हजार 785 रू. की धनराशि मद सं0 42 में खर्च की गयी है जबकि सबसे कम रू. 5851 रू. मद संख्या 8 में खर्च किये गये है। अन्य मदों में मद सं0 4 में 1 लाख 22 हजार 471, मद सं0 11 मेें 1 लाख 27 हजार 514, मद सं0 19 मेें 1 लाख 15 हजार 158 तथा मद सं0 44 मेें 9 लाख 6 हजार 988 रूपये खर्च दर्शाये गये है।
जी.एस.टी. लागू करने की कार्यवाहियों की सूचना भी विभाग द्वारा अस्पष्ट व अपूर्ण दी गयी है। डिप्टी कमिश्नर (जी.एस.टी. अनुभाग) यशपाल सिंह द्वारा उपलब्ध कराये गये विवरण के अनुसार की गयी कार्यवाहियों से क्या आशय है स्पष्ट नहीं है। जी.एस.टी. लागू करने हेतु की गयी कार्यवाहियों के विवरण के नाम से कोई पृथक अभिलेख न तो रखा गया है और न ही रखा जाना अपेक्षित है। जी.एस.टी. लागू करने हेतु की गयी कार्यवाहियां अत्यन्त व्यापक है तथा प्रशिक्षण प्राप्त करने, विधि व नियम निर्माण कार्यों में व अन्य कार्यों में जी.एस.टी. परिषद की बैठक की बैठकों व विचार-विमर्श में प्रतिभाग व प्रतिपुष्टियां प्रेषित करने, जी.एस.टी. हेतु व्यापारियों के नामांकन, कम्प्यूटरीकरण व नेटवर्किंग के आद्यतनोकरण तक विस्तृत है। विभाग द्वारा अस्पष्ट व अपूर्ण सूचना उपलब्ध कराने पर आरटीआइ कार्यकर्ता द्वारा विभागीय अपीलीय अधिकारी अपर आयुुक्त कर को प्रथम अपील की गयी है।
- जयसिंह
रावत
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देहरादून।
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