बदरीनाथ कपाट खुले
राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी सहित करीब 15हजार श्रद्धालुओं ने अखंड ज्योति के दर्शन किए।देर सांय तक दर्शन करने वाले श्रद्धालुओ की सख्या के 20हजार के पार हो गई थी।
--- गढवाल स्काउटस की बैण्ड धुन, बामणी व माणा की महिलाओ की भजन व भगवान बदरीविशाल के जयघोष के साथ ठीक चार बजकर 15मिनट पर श्री हरिनारायण के कपाट खोले गए। इस दौरान पूरे बदरीधाम को वातावरण भक्तिमय हो गया था।
कलियुग पापाहारी भगवान बदरीविशाल के कपाट ग्रीष्म काल के छ महीनो के लिए पूरे विधि-विधान के साथ दर्शनार्थ खोल दिए गए। पूर्व तय मुहुर्त के अनुसार वेद मंत्रोच्चार के साथ भगवान के कपाट खोले गए। कपाट खुलने के मौके पर प्रात सवा चार बजे सूबे के पर्यटन एवं धर्मस्व मंत्री सतपाल महाराज,विघानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद्र अग्रवाल, उच्च शिक्षा मंत्री डा0धन सिह रावत, बदरीनाथ, कर्णप्रयाग व थराली के विधायको के अलावा भाजपा जिलाध्यक्ष मोहन प्रसाद थपलियाल,मौजूद रहे।
कपाटोदघाटन के बाद करीब दो घंटे तक आम श्रद्धालुओ के दर्शनार्थ मंदिर मे आवाजाही जारी रही और राष्ट्रपति के आगमन को लेकर करीब साढे छ बजे से दर्शनो पर रोक लगा दी गई थी। जो राष्ट्रपति के बदरीनाथ से प्रस्थान के बाद ही हट सकी।
राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार ठीक आठ बजकर 25मिनट पर सेना हेलीपेड बदरीनाथ पंहुचे।यहॉ से कार द्वारा साकेत तिराहे पर पंहुचे और वहॉ से पैदल ही मंदिर तक पंहुचे। राष्ट्रपति के साथ राज्यपाल केके पॉल व मुख्य मंत्री त्रिवेन्द्र सिह रावत भी थे। मंदिर के सिंहद्वार के प्रांगण मे राष्ट्रपति के पंहुचने पर सूबे के पर्यटन एव धर्मस्व मंत्री सतपाल महाराज, उच्च शिक्षा मंत्री डा0धनसिह रावत, विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद्र अग्रवाल,बदरीनाथ के विधायक महेन्द्र भटट, थराली के विधायक मगन लाल साह, कर्णप्रयाग के विधायक सुरेन्द्र सिह नेगी,, भाजपा जिलाध्यक्ष मोहनप्रसाद थपलियाल, मंडल अध्यक्ष किशोर पंवार , जनजाति मोर्चे के प्रदेश अध्यक्ष रामकृष्ण सिह रावत, नगर पालिका जोशीमठ की अध्यक्षा रोहिणी रावत व बीकेटीसी के सीईओ बीडी सिह ने पुष्प गुच्छ भेंट कर महामहिम की आगवानी की।
राष्ट्रपति ने गुजराती धर्मशाला जिसे मिनी राष्ट्रपति भवन के नाम से भी जाना जाता है अल्प विश्राम के बाद मंदिर के लिए प्रस्थान किया। मंदिर मे करीब एक घंटे पूजा/अर्चना की। बदरीनाथ के धर्माधिकारी आचार्य भुवन चंद्र उनियाल ने गृभ गृह मे सुसज्जित भगवान श्री हरिनारायण के साथ विराजमान अन्य विग्रहो की भी विस्तार से जानकारी राष्ट्रपति को दी। दर्शन पूजन के बाद राष्ट्रपति ने दिल्ली के लिए प्रस्थान किया।
इस अवसर पर मंदिर समिति द्वारा भगवान बदरीविशाल के मंदिर की काष्ठ से बनी कलाकृति को राष्ट्रपति को भेंट की।
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