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Friday, April 28, 2017

Mawsynram Beats Record of Cherrapunji

सबसे नम मावसीरम

वायु, स्थान विशेष की मिट्टी का प्रकार, भूतल की परतें, परतों में भी चट्टानी परत की उपस्थिति-अनुपस्थिति, स्थान विशेष में होने वाली औसत वर्षा, वर्षा जल संचयन के ढांचे तथा जल संचयन जलनिकासी की वस्तुस्थिति आदि मिलकर तय करते हैं कि किसी स्थान की पानी सोखने की क्षमता कितनी होगी। पानी सोखने की क्षमता तय करती है कि कौन सी भूमि कितनी नम होगी। झील तालाब, नदियां तो एक तरह से नमभूमि क्षेत्र होती ही हैं। लगातार सोखे पानी के कारण कोई भूमि भी नमभूमि में परिवर्तित हो सकती है। किसी बांध के कारण बनी कृत्रिम झील भी नमभूमि का निर्माण कर सकती है। ऐसी नमभूमियों को अंग्रेजी भाषा मेंवेटलैण्डभी कहते हैं। 

भारत में अनेक नमभूमि क्षेत्र है। अधिक नमभूमि क्षेत्रों की सूची भी काफी लंबी है: तमिलनाडु का चिन्ना केल्लर, केरल का नरीमंगलम, महाराष्ट्र का महाबलेश्वर, अम्बोली, उत्तराखण्ड का सितारगंज, उड़ीसा का चांदबाली, कर्नाटक का अगुम्बे आदि अदि। भारत के कई नमभूमि क्षेत्रों के अस्तित्व पर संकट लगातार गहरा रहा है। वर्षा का असमान होता वितरण और कई इलाकों में  घटती वर्षा तो इस गहराते संकट का कारण हैं ही, कई स्थानीय कारण भी हैं। जल दोहन ज्यादा है और जल संचयन कम। नमभूमि क्षेत्रों पर बढ़ता अतिक्रमण तथा आसपास क्षेत्रों में वनस्पति का नाश भी इसके अन्य कारण हैं। ऐसे कई प्रमुख नमभूमि क्षेत्रों को रामसर अंतर्राष्ट्रीय समझौते के तहत् संरक्षित किया गया है। इसके रामसर समझौते के तहत् संरक्षित ऐसे नमभूमि क्षेत्रों कोरामसर साइट्स’ कहते हैं। रामसर समझौते की सूची में अब तक भारत के 26 नमभूमि क्षेत्रों को शामिल किया गया है, जिनकी सूची हम इस लेख के आखिर में दे रहे हैं। आइये, अब चर्चा करें, सबसे अधिक नमभूमि क्षेत्र की।

सबसे नम 

किसी एक माह के भीतर सबसे अधिक वर्षा के आधार पर मेघालय राज्य स्थित चेरापूंजी ( जुलाई, 1861 – 9300 मिलीमीटर ) भारत का सबसे अधिक वर्षा क्षेत्र है। वार्षिक वर्षा औसत के आधार पर देखें, तो मेघालय राज्य का ही मावसीरम अब भारत का वर्तमान सबसे अधिक वर्षा औसत क्षेत्र – (11,873 मिलीमीटर) बन गया है। वर्ष 1985 में 26,613 मिलीमीटर रिकाॅर्ड वाार्षिक वर्षा के आधार परगिन्नीज वल्र्ड बुक आॅफ रिकार्ड्सने मावसीरम को दुनिया का सबसे नमभूमि क्षेत्र भी घोषित किया है। हालांकि वार्षिक वर्षा औसत के आधार पर कोलम्बिया के लोरो नामक स्थान (1952 से 1989 तक का औसत – 12,717 मिलीमीटर ) ने मावसीरम के इस दर्जे को चुनौती दी है; बावजूद इसकेगिन्नीज वल्र्ड बुक आॅफ रिकार्डसमें मावसीरम का दर्जा कायम है। दर्जे की बात करें, तो भारत का चैथा सबसे ऊंचा (1034 फीट) झरनामावस्माईभी मावसीरम में ही स्थित है।

सहायक कारक

उपउष्ण कटिबंधीय जलवायु, दिसम्बर से फरवरी तक सूखे दिनों की छोटी अवधि, शेष वर्ष तेज धार वर्षा वाला अधिक लंबा मौसम, मानसून के दौरान बंगाल की खाड़ी से उठकर उत्तर की ओर चलने वाली गर्म आर्द्र हवायें, दूर से आने वाली हवाओं को अपने में समेट लेने की क्षमता वाला खासी पहाड़ियों का पूर्वी-पश्चिमी ढाल, जनवरी में 11 डिग्री से लेकर अगस्त में 20 डिग्री सेल्सियस का तापमान, वर्षा का अधिकतर सुबह के समय होना आदि पहलू मावसींरम को अधिक नमभूमि क्षेत्र बनाये में सहायक हुए हैं। मेघों का घर यानी मेघालय के ईस्ट खासी हिल्स ज़िले मेें मावसीरम की उपस्थिति, एक सहयोगी कारक है ही।

एक परिचय

मावसीरम, चेरापूंजी से 16 किलोमीटर दूर समुद्र से 4600 फीट की ऊंचाई पर ज़िला ईस्ट खासी हिल्स की पहाड़ियों के बीच स्थित एक गांव है। 237 घरों वाले मावसीरम की आबादी 1337 है। पुरुषों की तुलना में महिलाओं का घटता लिंग अनुपात भारत के कई राज्यों के लिए चिंता का विषय हो सकता है, किंतु मावसीरम में 702 महिलाओं के बीच मात्र 635 पुरुषों का आंकड़ा है। बच्चों की संख्या भी यहां सीमित ही है – 184 बच्चे यानी प्रति घर एक बच्चे से भी कम। मावसीरम का साक्षरता प्रतिशत (93.93) दिलचस्प रूप से मेघालय के औसत साक्षरता प्रतिशत (74.43) से बहुत अधिक है। 

नमभूमि, सीधे-सीधे स्थानीय भूजल के स्तर, उसकी गुणवत्ता, दुर्लभ जल पक्षी तथा जैवविविधता को प्रभावित करती है। अप्रत्यक्ष रूप से इसका संबंध आबादी की सेहत, रोज़गार, संस्कृति तथा अन्य सामाजिकआर्थिकपर्यावरण पहलुओं से भी है। इन विविध पहलुओं की दृष्टि से मावसीरम को जानने निकलें, तो इनकी जैविक दुनिया आपको काफी दिलचस्प और ज्ञानवर्धक लगेगी। वर्षभर बारिश हो, तो रहने का तरीका आप मावसीरम से सीख सकते हैं। इनके बांस के बने छाते, घर, खेती के तौर-तरीके, खान-पान, नमी में भी चमड़ी के रोगों से बचाव के गुर आदि कई बातें ये हमे-आपको काफी कुछ सिखा सकते हैं। क्या आप सीखना चाहेंगे ?

भारत में रामसर संरक्षित नमभूमि क्षेत्र 
1. वुलर झील ( नमभूमि क्षेत्रफल – 18,900 हेक्टेयर, राज्य-जम्मू-कश्मीर , अधिसूचना तिथि – 23.03.1990 )
2. सुरिनसर-मान्सर झील (क्षेत्रफल – 350 हेक्टेयर, राज्य-जम्मू-कश्मीर, अधिसूचना तिथि – 08.11.2005 )
3. सौमित्री ( क्षेत्रफल – 12,000 हेक्टेयर, राज्य-जम्मू-कश्मीर, अधिसूचना तिथि – 19.08.2002 )
4. होकेरा नमभूमि (क्षेत्रफल – 1,375 हेक्टेयर, राज्य-जम्मू-कश्मीर, अधिसूचना तिथि – 08.11.2005)
5. चन्द्रताल नमभूमि (क्षेत्रफल – 49 हेक्टेयर, राज्य-हिमाचल प्रदेश, अधिसूचना तिथि – 08.011.2005 )
6. पोंग बांध झील (क्षेत्रफल – 61,400 हेक्टेयर, राज्य-हिमाचल प्रदेश, अधिसूचना तिथि – 19.08.2002 )
7. रेणुका नमभूमि (क्षेत्रफल – 20 हेक्टेयर, राज्य-हिमाचल प्रदेश, अधिसूचना तिथि – 08.11.2002 )
8. हरिका झील (क्षेत्रफल – 4,100 हेक्टेयर, राज्य-पंजाब, अधिसूचना तिथि – 23.03.1990 )
9. कांजिली (क्षेत्रफल – 183 हेक्टेयर, राज्य-पंजाब, अधिसूचना तिथि – 22.01.2002)
10. रोपड़ (क्षेत्रफल – 1,365 हेक्टेयर, राज्य-पंजाब, अधिसूचना तिथि – 22.01.2002)
11. ऊपरी गंगा नदी ( क्षेत्रफल – 26,590 हेक्टेयर, राज्य-उत्तर प्रदेश, अधिसूचना तिथि – 08.11.2005)
12. केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान (क्षेत्रफल – 2,873 हेक्टेयर, राज्य-राजस्थान, अधिसूचना तिथि – 01.10.1981)
13. सांभर झील (क्षेत्रफल – 24,000 हेक्टेयर, राज्य-राजस्थान, अधिसूचना तिथि – 23.03.1990)
14. भोजताल नमभूमि (क्षेत्रफल – 3,201 हेक्टेयर, राज्य-मध्य प्रदेश, अधिसूचना तिथि – 19.08.2002 )
15. नलसरोवर अभ्यारण्य (क्षेत्रफल – 12,000 हेक्टेयर, राज्य-गुजरात, अधिसूचना तिथि – 24.09.2012 )
16. चिल्का झील (क्षेत्रफल – 1,16,500 हेक्टेयर, राज्य-उड़ीसा, अधिसूचना तिथि – 01.10.1981 )
17. भितरकनिका मैंग्रेाव नमभूमि (क्षेत्रफल – 65,000 हेक्टेयर, राज्य-उड़ीसा, अधिसूचना तिथि – 19.08.2002 )
18. कौलुरू झील (क्षेत्रफल – 90,100 हेक्टेयर, राज्य-आंध्र प्रदेश, अधिसूचना तिथि – 19.08.2002 )
19. अष्टमुडी नमभूमि (क्षेत्रफल – 61,400 हेक्टेयर, राज्य-केरल, अधिसूचना तिथि – 19.08.2002 )
20. साथामुकोटा झील (क्षेत्रफल – 373 हेक्टेयर, राज्य-केरल, अधिसूचना तिथि – 19.08.2002 )
21. बेमनाड-कोल ( नमभूमि क्षेत्रफल – 1,51,250 हेक्टेयर, राज्य-केेरल, अधिसूचना तिथि – 19.08.2002 )
22. प्वांइट कैलीमर वन्यजीव अभ्यारण्य एवम् पक्षी विहार (क्षेत्रफल – 38,500 हेक्टेयर, राज्य-तमिलनाडु, अधिसूचना तिथि – 19.08.2002 )
23. पूर्वी कोलकोता नमभूमि (क्षेत्रफल – 12,500 हेक्टेयर, राज्य-पश्चिम बंगाल, अधिसूचना तिथि – 19.08.2002 )
24. डिपोल बिल (क्षेत्रफल – 4,000 हेक्टेयर, राज्य-असम, अधिसूचना तिथि – 19.08.2002 )
25. लोकटक झील (क्षेत्रफल – 26,600 हेक्टेयर, राज्य-मणिपुर, अधिसूचना तिथि – 23.03.1990)
26. रूद्रसागर झील (क्षेत्रफल – 240 हेक्टेयर, राज्य-त्रिपुरा, अधिसूचना तिथि – 08.11.2002 )


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