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Thursday, April 9, 2020

फेक और पेड न्यूज पर उतर आयी त्रिवेन्द्र सरकार




फेक और पेड न्यूज पर उतर आयी त्रिवेन्द्र सरकार
-जयसिंह रावत
कोरोना महामारी को लेकर अपनी झूठी वाहवाही लुटाने के लिये उत्तराखण्ड सरकार फेक न्यूज और पेड न्यूज पर भी उतर आयी है। पत्रकारिता के क्षेत्र में पतित माने जाने वाले इस धन्धे में सीधे मुख्यमंत्री कार्यालय तक शामिल हो गया है जो कि पंजाब सरकार की उपलब्धियों की तस्बीरों को त्रिवेन्द्र सिंह रावत के खाते में डालने से भी नहीं चूक रहा है। यही नहीं सत्ताधारी दल के कुछ विधायक एवं कार्यकर्ता कोरोना की आड़ में बेधड़क अफवाहें तक उड़ा रहे हैं।
सूचना एवं लोक सम्पर्क विभाग के सहायक निदेशक ने अपने कार्यालय आदेश संख्या मेमो/सूएवंलोस वि/42/2015 दिनांक 26 मार्च 2020 में स्पष्ट रूप से कहा है कि ‘‘प्रतिदिन कोरोना वायरस से बचाव के लिये जन जागरूकता एवं सरकार द्वारा जारी दिशा निर्देशों के आलेख/समाचार प्रकाशित करना होगा। उक्त विषयक समाचार (कम से कम सात) की स्क्रीन शार्ट संलग्न होने की दशा में में भुगतान नहीं किया जायेगा।’’ पेड न्यूज के लिये सूचना विभाग ने 18669/- रुपये की राशि रखी हुयी है। इस कार्यालय आदेश में समाचार और आलेख का भुगतान होने का स्पष्ट उल्लेख किया गया है जो कि अपने आप मेंपेड न्यूजका मामला है और प्रेस काउंसिल आफ इंडिया की गाइड लाइन का स्पष्ट उल्ल्ंघन है।
कोरोना वाइरस से निपटने के लिये जनजागरण जरूरी है लेकिन उसके लिये सरकार के पास भुगतान कर विज्ञापन जारी करने एवं निशुल्क विज्ञप्तियां छपवाने या प्रचारित करने सहित अन्य विकल्प भी हैं। लेकिन यहां सरकार द्वारा न्यूज पोर्टलों का मुंह बंद कर अपनी कमियां छिपाने और अपनी वाहवाही कराने का प्रयास किया गया है। वरिष्ठ पत्रकार जयशंकर गुप्त का कहना है कि ’’ अगर समाचार या आलेख का भुगतान करने की बात है तो यह स्पष्ट रूप से पेड न्यूज का मामला है और पेड न्यूज या भुगतान कर आलेख छपवाना प्रेस की आजादी का दुरुपयोग एवं पाठकों या दर्शकों से अर्जित विश्वसनीयता की बिक्री कराने का प्रयास है।’’ जयशंकर गुप्त जनजागरण को जरूरी मानते हैं मगर इस तरीके को गलत मानते हैं। इसी प्रकार प्रेस काउंसिल आफ इंडिया द्वारा पेड न्यूज पर 2010 में गठित 12 सदस्यीय समिति के सदस्य रहे एस.एन. सिन्हा के अनुसार ’’समाचार और विज्ञापन दो अलग-अलग तरह की सूचनाएं हैं। अगर समाचार जैसी सामग्री के नीचे विज्ञापन नहीं लिखा गया और विज्ञापन जारी करने वाले का उल्लेख नहीं किया गया तो वह पेड न्यूज ही है जिसके खिलाफ प्रेस काउंसिल समय-समय पर दिशा निर्देश जारी करती रही है।’’
मुख्यमंत्री की अनाड़ी प्रेस टीम उनकी छवि को सुधार कर चमकाने के लिये पेड न्यूज का ही नहीं बल्कि ‘‘फेक न्यूज’’ का भी सहारा ले रही है। गत दिनों पंजाब के नाभा शहर में, जो कि मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह के विधानसभा क्षेत्र में आता है, की एक गली में स्थानीय नागरिकों ने सफाई कर्मियों पर फूल बरसाने के साथ ही नोटों की मालाओं से भी उनका स्वागत किया गया, जिसका वीडिओ क्लिप मुख्यमंत्री अमरिन्दर सिंह ने अपने ट्विटर पर 31 मार्च को शेयर कर नागरिकों की जागरूकता और उनकी सद्भावना का स्वागत किया। उसी दिन मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र रावत के फेसबुक हैंडलर मीडिया टीम ने अमरिन्दर के वीडिओ क्लिप को लपक कर त्रिवेन्द्र के फेसबुक अकाउंट में डाल कर उसे उत्तराखण्ड का वाकया घोषित कर डाला। जबकि माला डालने वाले स्पष्ट रूप से पंजाब के लोग नजर रहे हैं। झूठा श्रेय लेने की होड़ पर जब मीडिया में ट्रोल होने लगा तो मुख्यमंत्री के मीडिया सहायकों ने इसे देहरादून के कांवली रोड की घटना बता डाली जबकि अमरिन्दर सिंह और त्रिवेन्द्र सिंह द्वारा पोस्ट किये गये वीडियो सीन एक ही है।
मुख्यमंत्री कार्यालय ही नहीं बल्कि भाजपा के विधायक भी इन दिनों भड़काऊ और अन्ध विश्वासभरी पोस्ट सोसल मीडिया में डाल रहे हैं जिन पर उनके समर्थकों की उग्र टिप्पणियां माहौल खराब कर रही हैं। रुद्रपुर के विधायक राजकुमार ठुकराल और लक्सर के संजय गुप्ता तो अपने साम्प्रदायिक बयानों से सदैव चर्चा में रहते ही हैं लेकिन अब उसी राह पर बदरीनाथ के विधायक महेन्द्र भट्ट भी चल पड़े हैं। हाल ही में उन्होंने अपने फेसबुक अकाउंट पर बिजनौर से आने वाले एक खास समुदाय के लोगों को पहचान कर उनके द्वारा बेची जाने वाली सब्जियां और अन्य सामग्री खरीदन के साथ ही उनसे नाई एवं पेंटर जैसी सेवाएं भी लेने की अपील कर करने के बाद उत्तराखण्ड में मस्जिदों को अनुमति देने की मांग सरकार से कर डाली। सोशियल मीडिया पर ट्रौल होने के बाद उन्होंने प्रदेशवासियों को आगाह कर डाला कि जो भी व्यक्ति लॉकडाउन में घर से बाहर निकलेगा उसकी मौत निश्चित है। इस तरह की ऊलजलूल एवं सम्प्रदाय विशेष के खिलाफ विषवमन से उनके समर्थक प्रेरित होकर खुलेआम साम्प्रदायिक जहर फैला रहे हैं।
जयसिंह रावत
-11, फ्रेंड्स एन्कलेव, शाहनगर
डिफेंस कालोनी रोड, देहरादून,
उत्तराखण्ड
jaysinghrawat@gmail.com

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