उत्तराखण्ड में लाखों मजदूर भुखमरी के कगार पर
-जयसिंह रावत
पिथौरागढ़ जिले के
धारचुला में फंसे
हजारों नेपाली मजदूरों में
से 11 ने काली
नदी में छलांग
लगा दी। देहरादून
के सहसपुर क्षेत्र
में एक मजदूर
ने क्वारेंटइन से
भाग कर पत्नी
समेत आत्महत्या कर
ली। कई मजदूर
सब्जियों और राशन
के ट्रकों में
छिप कर अपने
घर जाने का
सफल और असफल
प्रयास कर रहे
हैं। पहाड़ों में
कंदराओं में कुछ
मजदूरों के शरण
लेने की भी
सूचनाएं है। राज्य
सरकार के हिसाब
से केवल 40 हजार
मजदूर राज्य में
फंसे हुये हैं,
लेकिन गैर सरकारी
अनुमान इस इस
आंकड़े को लाखों
में बता रहे
हैं। सरकार और
समाज द्वारा मजबूर
मजदूरों को भोजन
आदि आवश्यक सुविधाएं
उपलब्ध कराने का प्रयास
तो किया जा
रहा है मगर
सरकार की मशीनरी
अभी तक सुदूर
क्षेत्रों तक नहीं
पहुंच पायी है।
इधर पहाड़ में
खेती तो पहले
से ही चौपट
थी, लेकिन अब
कमाऊ लोगों के
बेरोजगार हो जाने
से पहाड़वासियों के
सामने भी दो
जून की रोटी
का सवाल खड़ा
हो गया है।

अपदा प्रबंधन विभाग की
अपर सचिव रिदिम
अग्रवाल के अनुसार
राज्य में लगभग
40 हजार मजदूर फंसे हुये
हैं जिन्हें राहत
कैंपों में रखा
गया है। लेकिन
गैर सरकारी अनुमान
के अनुसार सारे
प्रदेश में बाहरी
प्रदेशों के लाखों
मजदूर एवं रेड़ी
ठेली आदि लगाने
वाले फंसे हुये
है। ये मजदूर
चमोली के बूरा,
सुतोल, रौता, सिमलासू, उत्तरकाशी
के हरसिल, जानकी
चट्टी, मोरी, नैटवाड़, चम्पावत
के बुगा, टिहरी
के गंगी जैसे
सुदूरवर्ती क्षेत्रों में फंसे
हुये हैं। फंसे
हुये मजदूरों का
कहना है कि
उन्हें ठेकेदारों ने समय
से पैसे नहीं
दिये इसलिये वे
फंस गये। इधर
ठेकेदार कहते हैं
कि मार्च के
महीने में अगर
राज्य कर्मचारियों की
आरक्षण विरोधी हड़ताल को
समय से निपटा
दिया गया होता
तो गत 31 मार्च
तक विभागों से
उनका भुगतान हो
जाता और वे
अपने मजदूरों को
समय से उनका
पैसा दे देते।
लेकिन हड़ताल तोड़ने
का प्रास बहुत
देर से तब
हुआ जब कोरोना
की महामारी रोकने
के लिये लॉकडाउन
होने वाला था।
कर्मचारी हड़़ताल के तत्काल
बाद लॉकडाउन में
सरकारी कार्यालय ही बंद
हो गये। अब
नये वित्तीय वर्ष
में दफ्तर खुलने
के बाद ही
उनको भुगतान हो
पायेगा और वे
भी अपने मजदूरों
को पैसा दे
पायेंगे।
अर्थ एवं
संाख्यकी निदेशालय के आंकड़ों
के अनुसार प्रदेश
में कुल कर्मकारों
का प्रतिशत कुल
जनसंख्या का लगभग
27 प्रतिशत है। इस
हिसाब से से
कुल कर्मकारों की
संख्या 27 लाख से
अधिक होनी चाहिये।
राज्य में 327 बड़े
और लगभग 63 हजार
सूक्ष्म, लघु और
मध्यम दर्जे के
उद्योग हैं। इन
उद्योगों में लगभग
सवा चार लाख
लोगों को प्रत्यक्ष
और लगभग 3 लाख
को परोक्ष रोजगार
मिलता है। श्रम
विभाग से मिली
जानकारी के अनुसार
प्रदेश में 3450 कारखाने पंजीकृत
हैं जिनमें लगभग
5 लाख लोग कार्यरत्
हैं। इनके अलावा
सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड
में लगभग 3.25 लाख
मजदूर कार्यरत है।
इन मजदूरों के
खातों में सरकार
ने अब तक
25 करोड़ रुपये डाल दिये
हैं। श्रम मंत्री
हरक सिंह रावत
के अनुसार अभी
मजदूरों को 7 करोड़
की एक और
किश्त बांटी जानी
है। लेकिन समस्या
उन मजदूरों की
है जो कहीं
भी पंजीकृत नहीं
हैं और ये
लाखों मजदूर इन
दिनों समाज तथा
सरकार की ओर
से उपलब्ध भोजन
पर निर्भर हैं।
उत्तराखण्ड
की असली समस्या
पलायन एवं विभिन्न
कारणों से खेती
के अनुपजाऊ होने
और रकवा घटना
है। राज्य गठन
से पूर्व नब्बे
के दशक में
हरिद्वार को छोड़
कर गढ़वाल और
कुमाऊं में लगभग
7 लाख हेक्टेअर कृषिभूमि
थी जो कि
अब घट कर
4,92,643 हेक्टेअर रह गयी
है। इसमें हरिद्वार
जिले की खेती
भी शामिल है।
पहाड़ों में जो
खेती बची भी
है वह भी
भूूअपरदन, बिखरी एवं बहुत
छोटी जोत तथा
वन्यजीवों के कारण
ज्यादा काम की
नहीं रह गयी
है। ऐसी स्थिति
में अगर बाहर
से पहाड़ी गावों
में राशन नहीं
पहुंचेगा तो भुखमरी
की नौबत आ
सकती है। सरकार
ने बीपीएल और
एपीएल के लिये
सस्ते अनाज की
व्यवस्था तो की
है मगर उसे
खरीदने के लिये
भी पैसों की
जरूरत होगी। सरकारी
अनुमान के अनुसार
दिल्ली आदि मैदानी
शहरों में रोजगार
के लिये गये
18 हजार से अधिक
लोग गांव लौट
गये हैं और
हजारों अन्य बाहर
ही फंसे हुये
हैं। गावों के
निकट के कस्बों
में होटल एवं
ढाबों आदि में
काम करने गये
लोग भी लॉक
डाउन के कारण
बेरोजगार हो गये
हैं। उत्तराखण्ड के
लगभग सभी पहाड़ी
जिले उद्योग शून्य
हैं। जो उद्योग
देहरादून, हरिद्वार औरउधमसिंहनगर जिलों
में हैं वे
इन दिनों बंद
हैं और आगे
भी इन उद्योगों
का भविष्य अनिश्चित
है। पहाड़ का
सबसे बड़ा उद्योग
परिवहन है जिसमें
लगभग 2.50 लाख कमिशियल
वाहन हैं। इन
वाहनों के पहिये
जाम हैं और
उन पर काम
करने वाले लाखों
पहाड़ी युवा घरों
में बेकार बैठे
हुये हैं। ऐसी
स्थिति में लोगों
के सामने आजीविका
की गंभीर समस्या
खड़ी हो गयी
है।
जयसिंह रावत
ई-11,फ्रेण्ड्स एन्कलेव, शाहनगर
डिफेंस कालोनी रोड, देहरादून।
उत्तराखण्ड।
मोबाइल-9412324999
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