उत्तराखण्ड सरकार ने 8.52 लाख ग्रामीणों को बनाया शहरी
-जयसिंह रावत
उत्तराखंड सरकार अकेले वर्ष
2017 ही प्रदेश की आठ
प्रतिशत से अधिक
जनसंख्या को ग्रामीण
से शहरी जनसंख्या
बना दिया है,
385 ग्रामों का वजूद
खत्म करके उन्हें
शहरों में शामिल
कर दिया है।
प्रदेश की 50104 हैक्टेयर भूमि
पर उत्तराखंड में
बाहरी लोगों के
भूमि खरीदने पर
प्रतिबंध वाला भूमि
कानून अब लागू
नहीं होगा।
शहरी विकास विभाग की
लोेक सूचना अधिकारी/अनुभाग अधिकारी कलावती
मर्तोलिया द्वारा सूचना के
अधिकार के तहत
उपलब्ध कराई गयी
एक सूचना के
अनुसार नगर निकायों
के विस्तार में
385 ग्रामों की भूमि
को शहरी क्षेत्र
में शामिल किया
गया है। इसमें
से एक मात्र
नगर निकाय नगर
निगम रूड़की में
जहां 80.681 हैक्टेयर क्षेत्र शामिल
किया गया है।
वहीं ग्रामीण क्षेत्रों
पाडली गुर्जर तथा
रायपुर के 503.941 हैक्टेयर क्षेत्र
को निगम से
पृथम किया गया
है। अन्य 44 नगर
निकायों में 385 ग्रामों के
50104.13 हैक्टेयर क्षेत्र को शामिल
किया गया है।
इस क्षेत्र में
8.52 लाख आबादी निवास करती
है। शहरी क्षेत्र
में शामिल भूमि
पर भूमि अधिनियम
के प्रावधान लागू
नहीं होते है
इसलिये इस भूमि
से उत्तराखंड के
बाहर के निवासियों
पर भूमि खरीद
का प्रतिबंध भी
समाप्त हो गया
है।
शहरी विकास विभाग सूचना
के अनुसार उत्तराखंड
के 13 जिलों में
से 12 जिलों में
ग्रामीण क्षेत्रों को शहरी
क्षेत्रों में शामिल
किया गया है।
अल्मोड़ा जिले को
छोड़कर अन्य सभी
जिलों के ग्रामीण
क्षेत्र शहरी निकायों
को भाग बनाये
गये है। इसके
अतिरिक्त रूड़की नगर निगम
में 80.681 हैक्टेयर ग्रामीण क्षेत्र
शामिल किया गया
है तथा 503.941 हैक्टेयर
क्षेत्र रूड़की नगर निगम
से पृथक किया
गया है।
गढ़वाल मण्डल में देहरादून
जिले में सर्वाधिक
85 ग्रामों के 20221.294 हैक्टेयर ग्रामीण क्षेत्र
को नगर निगम
के अतिरिक्त हरबर्टपुर,
विकास नगर, ऋषिकेश,
डोईवाला शामिल किया गया
है। पौड़ी गढ़वाल
जिले के 80 ग्रामों
के 4631.236 हैक्टेयर ग्रामीण क्षेत्र
को श्रीनगर तथा
कोटद्वार शहरी निकायों
में शामिल किया
गया है। उत्तरकाशी
जिले के 35 ग्रामों
के 2067.411 हैक्टेयर ग्रामीण क्षेत्र
को बड़कोट तथा
बाराहाट में शामिल
किया गया है।
इसके अतिरिक्त चमोली
जिले के 7 ग्रामों
के 607.988 हैक्टेयर ग्रामीण क्षेत्र
को औली, कर्णप्रयाग,
नन्द प्रयाग निकायों
में शामिल किया
गया है। हरिद्वार
जिले के 11 ग्रामों
के 976.1207 हैक्टेयर ग्रामीण क्षेत्र
को शिवालिकनगर, झखेडा,
लण्डौरा तथा हरिद्वार
नगर निकाय में
शामिल किया गया
है। टिहरी जिले
के 9 ग्रामों के
415.011 हैक्टेयर ग्रामीण क्षेत्र को
देव प्रयाग, नरेन्द्र
नगर, कीर्ति नगर
तथा छपियावाला नगर
निकायों में शामिल
किया गया है।
रूद्रप्रयाग जिले के
8 ग्रामों के 478.603 हैक्टेयर क्षेत्र
को अखीमठ, अगस्तमुरि
तथा तिलवाड़ा नगर
निकाय में शामिल
किया गया है।
कुमाऊं मण्डल के छः
में से पांच
जिलों में ग्रामीण
क्षेत्रों को शहरी
निकायों में शामिल
किया गया है।
इसमें सर्वाधिक 63 ग्रामों
के 14557.1875 हैक्टेयर ग्रामीण क्षेत्र
को उधमसिंह नगर
जिले के 11 नगर
निकायों में शामिल
किया गया है।
इसमें काशीपुर, रूद्रपुर
नगर निगम के
अतिरिक्त सितारगंज, गदरपुर, किच्छा,
खटीमा, बाजपुर, सुल्तानपुर, दिनेशपुर,
गूलरभोज, शक्तिगढ़ नगर निकाय
शामिल है। नैनीताल
जिले के 52 ग्रामों
के 4576.753 हैक्टेयर ग्रामीण क्षेत्र
को हल्द्वानी, भवाली,
भीमताल नगर निकाय
में शामिल किया
गया है। बागेश्वर
जिले के 20 ग्रामांे
के 732.308 हैक्टेयर ग्रामीण क्षेत्र
को बागेश्वर नगर
पालिका मेें शामिल
किया गया है।
चम्पावत जिले के
4 ग्रामों के 67.913 हैक्टेयर क्षेत्र
को टनकपुर नगर
पालिका क्षेत्र में शामिल किया
गया है। पिथौरागढ़
जिले के 11 ग्रामों
के 772.492 हैक्टेयर क्षेत्र को
पिथौरागढ़ व डीडीहाट
नगर निकाय में
शामिल किया
गया है। उत्तराखंड
में 2017 में शहरी
निकायों के सीमा
विस्तार से साढ़े
आठ लाख से
अधिक ग्रामीण जनता
शहरी क्षेत्रों की
निवासी बन गयी
है। इसमें सर्वाधिक
2.91 लाख देहरादून जिले तथा
2.12 लाख उधमसिंह नगर जिले
की जनता शामिल
है। उत्तराखंड में
कृषि भूमि खरीदने
पर प्रदेश के
बाहर के लोगों
पर रोक लगाने वाला
भूमि कानून शहरी
क्षेत्रों पर लागू
न होने के
कारण शहरी क्षेत्र
में शामिल 50 हजार
हैक्टेयर से अधिक
भूमि पर यह प्रतिबंध
स्वतः हट गया
है। अब इन
क्षेत्रों की भूमि
को कोई भी
व्यक्ति खरीद व
प्राप्त कर सकता
है।
जयसिंह रावत
ई-11, फ्रेंड्स एन्क्लेव, शाहनगर
डिफेंस कालोनी रोड,
देहरादून, उत्तराखण्ड
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