Article published by Navjivan on 7 April 2019 |
सांसद का एक सवाल 16.20 लाख रुपये का पड़ा
-जयसिंह रावत
सोलहवीं लोकसभा के चुनाव
में मोदी लहर
में सवार होकर
लोकसभा पहुंचे उत्तराखण्ड के
पांच में एक
को छोड़ कर
बाकी भाजपा सांसदों
का अपने मतदाताओं
और क्षेत्र के
प्रति प्रदर्शन बेहद
खराब रहा। संसद
में केवल ऊंघने
जाने वाले इन
भाजपा सांसदों में
से एक ने
पांच साल में
केवल 10 सवाल सरकार
से पूछे। जबकि
देश एक सांसद
पर प्रति माह
लगभग 2.7 लाख रुपये
वेतन भत्तों पर
खर्च करने के
साथ ही 5 करोड़
रुपये सालाना सांसद
क्षेत्रीय विकास निधि के
लिये भी देती
है। इस तरह
देखा जाय तो
उत्तराखण्ड के एक
सांसद का संसद
में पूछा गया
एक सवाल 16.20 लाख
रुपये का पड़ा।
सांसद निधि पर
भी सामान्यतः पार्टी
और पार्टी विशेष
के लोगों का
ही नियंत्रण होता
है।
एसोसिएशन ऑफ डेमोक्रेटिक
रिफार्म (एडीआर) की ताजा
रिपोर्ट के अनुसार
16वीं लोकसभा के
कुल 16 सत्रों में 312 बैठकें
हुयीं जिनमें सबसे
कम 272 बैठकों में हरिद्वार
के लोकसभा सांसद
रमेश पोखरियाल निशंक
और सबसे अधिक
286 बैठकों में मेजर
जनरल (सेनि) भुवन
चन्द्र खण्डूड़ी शामिल हुये।
अल्मोड़ा के सांसद अजय
टमटा की उपस्थिति
204, भगत सिंह कोश्यारी
की 279 और टिहरी
की सांसद
माला राज्यलक्ष्मी शाह
की उपस्थिति 280 बैठकों
में रही। लेकिन
इन बैठकों में
रमेश पोखरियाल निशंक
और भुवन चन्द्र
खण्डूड़ी के अलावा
शेष तीन भाजपा
सांसदों की मौजूदगी
निरर्थक रही। इनमें
से संसद में
ऊंघने वाले दो
सांसद इस बार
फिर मोदी और
देश की बहादुर
सेना के शौर्य
के नाम पर
जनता की अदालत
में वोटों के
लिये गिड़गिड़ा रहे
हैं।
एडीआर की रिपोर्ट
के अनुसार 2014 में
मोदी की हव्वाबाजी
से उत्तराखण्ड की
सभी पांच सीटों
पर जीते भाजपा
सांसदों में से
नैनीताल के सांसद
भगतसिंह कोश्यारी ने 5 सालों
में लोकसभा में
केवल 10 सवाल अपने
क्षेत्र और प्रदेश
के बारे में
पूछे जबकि टिहरी
की सांसद माला
राज्यलक्ष्मी शाह 280 बैठकों में
केवल 33 सवाल और
अल्मोड़ा के अजय
टमटा 204 बैठकों में केवल
69 सवाल सरकार से पूछ
सके। राज्य के
सांसदों में सबसे
अधिक 389 सवाल रमेश
पोखरियाल ‘निशंक और 104 सवाल
पौड़ी गढ़वाल के
भुवन चन्द्र खण्डूड़ी
ने पूछे। जबकि
एक सांसद को
वेतनभत्ते के रू0
में प्रति माह
1 लाख रु0 मूल
वेतन, 70 हजार मासिक
निर्वाचन क्षेत्र भत्ता, 60 हजार
मासिक सचिवीय भत्ता
और सत्र के
दौरान 2 हजार रु0
प्रतिदिन दैनिक भत्ता के
अलावा 34 हवाई सेवाएं
और असीमित रेल
यात्रा मुफ्त मिलती है।
भारत सरकार द्वारा प्रत्येक
सांसद को अपने
क्षेत्र के विकास
के लिये जो
धन उपलब्ध कराया
जाता है उसमें
भी भाजपा के
सांसदों का रवैया
बेहद सुस्त या
यूं कहें कि
निराशाजनक रहा है।
इनकी अपने निर्वाचन
क्षेत्र के विकास
में लगभग अरुचि
ही रही। इन
पांच भाजपाई सांसदों
की दिसम्बर 2018 तक
केवल 46 प्रतिशत सांसद निधि
ही खर्च होे
सकी। इतना ही
नहीं 38 प्रतिशत सांसद निधि
की किस्ते तो
जारी तक नहीं
हुई। सांसद निधि
से स्वीकृत 3790 कार्यो मे से
केवल 69 प्रतिशत (2625)
कार्य ही पूर्ण
हुये है, 12 प्रतिशत
(445) कार्य तो प्रारंभ
भी नहीं हुये
है जबकि 19 प्रतिशत ( 720) कार्य चल रहे
है।
सूचना अधिकार कार्यकर्ता नदीम
उद्दीन को सूचना
का अधिकार से
मिली जानकारी के
अनुसार दिसम्बर 2018 तक सांसदो
को ब्याज सहित
उपलब्ध 81.34 करोड़ की
सांसद निधि मे से
58.90 करोड़ की सांसद
निधि ही खर्च
हो सकी है।
जारी नहीं हुई
47.50 करोड़ की सांसद
निधि सहित कुल
128.84 करोड़ की सांसद
निधि मे से
46 प्रतिशत 58.90 करोड़ की
सांसद निधि ही
दिसंबर 2018 तक खर्च
हुई है। अल्मोड़ा
के सांसद अजय
टम्टा की ब्याज
सहित कुल सांसद
निधि 2632.74 लाख है
जिसमें से दिसंबर
2018 तक केवल 32 प्रतिशत (839.20 लाख)
की सांसद निधि
ही खर्च हो सकी।
हरिद्वार सांसद रमेश पोखरियाल
निशंक की कुल
2590.88 लाख सांसद निधि मे
से केवल 51 प्रतिशत
(1327.48 लाख) की सांसद
निधि खर्च हुई
है जबकि पौड़ी
सांसद बी.सी.खंडूरी की 2521.45 लाख
की सांसद निधि
में से केवल
29 प्रतिशत (1271.45) लाख की
सांसद निधि खर्च
हुई है। टिहरी
सांसद श्रीमति राज्यलक्ष्मी
शाह की 2596.50 लाख
की सांसद निधि
मे से केवल
52 प्रतिशत, (1340.99 लाख) की
सांसद निधि खर्च
हुई है, जबकि
नैनीताल-उधमसिंह नगर के
सांसद भगत सिंह
कोश्यारी की 2542.88 लाख की
सांसद निधि मे
से 65 प्रतिशत (1646.42 लाख)
की सांसद निधि
खर्च हुई है।
इन सांसदों में
से माला राज्य
लक्ष्मी शाह, टिहरी
से, अजय टमटा
अल्मोड़ा से तथा
रमेश पोखरियाल निशंक
हरिद्वार से इस
बार चुनाव मैदान
में हैं।
उत्तराखंड के लोक
सभा सांसदो को 5 वर्षो
मे मिलने योग्य 5 करोड़
प्रति वर्ष के
हिसाब से
125 करोड़ की सांसद
निधि मे से
दिसम्बर 2018 तक केवल
77.5 करोड़ की सांसद
निधि ही जारी
हो पायी है।
38 प्रतिशत 47.50 करोड़ की
सांसद निधि जारी
ही नहीं हो सकी
है। पिछली ढाई
करोड़ की किस्त
का प्रयोग विवरण
उपलब्ध कराने पर भारत सरकार
द्वारा अगली 2.5 करोड़ की
किस्त जारी की
जाती है। उत्तराखंड
के लोकसभा सांसदो
के सांसद निधि
से कुल 3790 कार्य
स्वीकृत हुये थे
इसमे से दिसंबर 2018 तक 69 प्रतिशत
2625 कार्य हुये हैं जबकि 19 र्प्रतिशत
720 कार्य चल रहे
है तथा 12 प्रतिशत
445 कार्य दिसंबर 2018 तक प्रारंभ
ही नहीं हुये
है। केन्द्रीय मंत्री
व अल्मोड़ा सांसद
अजय टम्टा के
750 कार्यो मे 76 प्रतिशत 567 पूर्ण
हुये है, 171 चल
रहे है तथा
12 प्रारम्भ नहीं हुये
है जबकि हरिद्वार सांसद रमेश
पोखरियाल के कुल
507 कार्यो मे से 93 प्रतिशत 470 कार्य
पूर्ण हुये है,
14 कार्य चल रहे
तथा 23 प्रारंभ नहीं हुये
है। टिहरी श्रीमती
राजलक्ष्मी के 1209 कार्यो मे 41 प्रतिशत 501 पूर्ण
हुये है, 402 चल
रहे है 306 प्रारंभ नहीं हुये है।
पौड़ी सांसद बी.सी.खंडूरी
के 462 कार्यो मे 73 प्रतिशत
339 पूर्ण हुये, 81 चल रहे हैं
तथा 42 प्रारम्भ नहीं हुये
हैं। नैनीताल-उधमसिंहनगर
सांसद भगत सिंह
कोश्यारी के कुल 862 कार्यो मे से 87 प्रतिशत
748 पूर्ण हुये हैं
62 कार्य चल रहे
हैं
तथा 63 कार्य प्रारंभ नहीं
हुये है।
जयसिंह रावत
ई-11, फ्रेण्ड्स एन्कलेव, शाहनगर
डिफेंस कालोनी रोड, देहरादून।
jaysinghrawat@gmail.com
No comments:
Post a Comment