मुख्यमंत्री सहित 50 विधायकों ने नहीं दिया सम्पत्ति विवरण
-जयसिंह रावत
उत्तराखंड मेें भ्रष्टाचार
नियंत्रण व पारदर्शिता
पर कितने ही
बडे़-बड़े दावे
किये जा रहे
हों लेकिन हकीकत
में इसके लिये
बने कानूनों का
माननीय जन प्रतिनिधि
ही पालन नहीं
कर रहे हैं।
उत्तराखंड के 71 विधायकों में
से मुख्यमंत्री सहित
50 विधायकांे ने अपना
सम्पत्ति विवरण ही विधानसभा
को नहीं दिया
है।
काशीपुर निवासी सूचना अधिकार
से प्राप्त सूचना
के अनुसार जिन
50 विधायकों ने अपनी
सम्पत्ति का ब्यौरा
विधानसभा अध्यक्ष को उपलब्ध
नहीं करारया उसमें
5 मंत्रियों तथा नेता
प्रतिपक्ष का नाम
भी शामिल है।
सम्पत्ति का विवरण
न देने वालों
में मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र
सिंह रावत, शहरी
विकास मंत्री मदन
कौशिक, विद्यालयी शिक्षा मंत्री
अरविन्द पाण्डेय, कृषि मंत्री
सुबोध उनियाल तथा
महिला कल्याण राज्यमंत्री
रेखा आर्य का
नाम शामिल है।
इसके अतिरिक्त नेता
प्रतिपक्ष श्रीमति इन्दिरा ह्रदयेश
ने भी विवरण
नहीं दिया है।
उपलब्ध सूचना के अनुसार
5 कैबिनेट मंत्रियों सहित 21 विधायकों
ने अपने सम्पत्ति
विवरण विधानसभा सचिवालय
को दिये है।
इनमें भी केवल
7 विधायकों ने सम्पत्ति विवरण
निर्धारित अवधि (नियुक्ति के
3 माह के अन्दर)
जून 2017 तक
दिये है। चार
पर देने की
तारीख नहीं पड़ी
है। जुलाई, अगस्त,
अक्टूबर 17, फरवरी 2018 में 1-1 विधायक
ने तथा दिसम्बर
17 तथा जून 2018 में 2-2 विधायकों
ने सम्पत्ति विवरण
दिये है। हर
वर्ष 30 जून तक
दिया जाने वाला
सम्पत्ति का वार्षिक
विवरण वर्ष 2018 का
तो केवल दो
ही विधायकों ने
दिया है जिसमें
धन सिंह नेगी
तथा खजानदास शामिल
हैं।
जिन सम्पत्ति विवरणों पर
देने की तिथि
अंकित नहीं है
उनमें कैबिनेट मंत्री
यशपाल आर्य, विधायक नैनीताल संजीव
आर्य, विधानसभाध्यक्ष प्रेम
चन्द्र अग्रवाल तथा टिहरी
विधायक धन सिंह
नेगी के विवरण
शामिल है। जून
2017 तक समय अवधि
के अंदर सम्पत्ति
विवरण देने वालों
में कैबिनेट मंत्री
सतपाल महाराज, यमुनोत्री
विधायक केदार सिंह रावत,
मंसूरी विधायक गणेश जोशी,
कपकोट विधायक बलवंत
सिंह भौर्याल, धर्मपुर
विधायक विनोद चमोली, काशीपुर
विधायक हरभजन सिंह चीमा
तथा राजपुर रोड
विधायक खजानदास शामिल है।
जुलाई 17 में सम्पत्ति
विवरण देने वालों
में चम्पावत विधायक
कैलाश चन्द्र गहतौड़ी,
अगस्त 17 में लोहाघाट
विधायक पूरन सिंह
फर्त्याल, अक्टूबर 17 में सल्ट
विधायक सुरेन्द्र सिंह जीना,
दिसम्बर 17 में विधानसभा
उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह चौहान,
धनोल्टी विधायक प्रीतम सिंह
पवार तथा फरवरी
2018 में कैबिनेट मंत्री हरक
सिंह रावत, अप्रैल 2018 में पेयजल
मंत्री प्रकाश पंत, जून
2018 में उच्च शिक्षा
मंत्री डा0 धन
सिंह रावत तथा
उमेश शर्मा काऊ
ने देरी से
अपनेे सम्पत्ति विवरण
दिये है।
उ0प्र0 मंत्री
तथा विधायक (आस्तियों
तथा दायित्वों का
प्रकाशन) अधिनियम 1975 की धारा
3 के अनुसार मंत्रियों
तथा विधायकों का
नियुक्त या निर्वाचित
होने के तीन
माह के अन्दर
विधान सभा सचिव
अपनी सम्पत्ति दायित्वों
का विवरण देना
कर्तव्य है। इसके
बाद धारा
4 के अनुसार हर
वर्ष 30 जून तक
पूर्व वर्ष की
सम्पत्ति प्राप्ति व खर्च
व दायित्वों का
विवरण देना होता
है। जिसे गजट
में आम जनता
की सूचना के
लिये प्रकाशित किया
जाना आवश्यक है।
उत्तराखंड गठन से
ही बड़ी संख्या
में विधायक व
मंत्री इस कानून
का पालन नहीं
कर रहे है।
जबकि पारदर्शिता तथा
भ्रष्टाचार नियंत्रण के लिये
ऐसा किया जाना
जनहित में आवश्यक
है।
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