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Sunday, November 25, 2018

Uttarakhand stained with sex scandals of Politicians

रंगीन मिजाज भाजपाई कर रहे देवभूमि को कलंकित
-जयसिंह रावत
हिन्दू संस्कृति के स्वयंभू ध्वजवाहक राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आएसएस) के प्रचारकों और इसी गुरुकुल से दीक्षित भाजपा नेताओं की काम वासनाओं से संघ और भाजपा को कोई फर्क पड़े या न पड़े मगर देवभूमि के नाम से जानी जाने वाली उत्तराखण्ड की पवित्र भूमि जरूर कलंकित हो रही है। ये स्कैण्डल तब-तब सामने आये हैं जब-जब भाजपा प्रदेश में सत्ता में रही है। इससे जाहिर है कि इस पार्टी के नेताओं ने सत्ता और अपनी पोजिशन का दुरुपयोग अपनी काम वासनाओं की पूर्ति के लिये भी किया है।
Article of Jay Singh Rawat
published in Navjivan Sunday
epaper of National Herald
on November 25, 2018
पश्चिम बंगाल के कोलकाता के बहेला थाने में भाजपा के राष्ट्रीय सह महामंत्री (संगठन) शिवप्रकाश के खिलाफ दर्ज बलात्कार के मामले का शोर पूरी तरह थमा भी नहीं था कि उत्तराखण्ड में तैनात भाजपा के प्रदेश संगठन महामंत्री संजय कुमार के मीटू मामले ने हिन्दू संस्कृति के झण्डाबरदार भाजपा और आरएसएस को मुंह छिपाने के लिये मजबूर कर दिया। शिवप्रकाश उत्तराखण्ड में आरएसएस के प्रान्त प्रचारक रहे हैं। अब संजय कुमार पर आरोप है कि उसने पार्टी में अपनी पोजिशन का इस्तेमाल करते हुये संघ से गहरी आस्था रखने वाले एक परिवार की लड़की, जो कि स्वयं भी भाजपा से जुड़ी है, को भाजपा प्रदेश कार्यालय में कम्प्यूटर डाटा एण्ट्री के लिये नियुक्त किया और फिर उस पर शारीरिक सम्बन्ध बनाने के लिये मजबूर करने लगा। इसकी शिकायत जब भाजपा के बड़े नेताओं से की गयी तो उन्होंने मुंह बंद रखने की हिदायद दे दी। यही नहीं पीड़िता के मोबाइल पर  संजय के खिलाफ सबूत के तौर पर उसके जो अश्लील मैसेज और कामुक वार्तालाप थी उसे मोबाइल छीन कर डीलिट कर दिया। हद तो तब हो गयी जब शिकायत करने पर भाजपा महानगर अध्यक्ष ने सेक्स को पुरुष की स्वाभाविक शारीरिक जरूरत बता कर लड़की को दोटूक कह दिया कि उसे भी इन परिस्थितियों के लिये मानसिंक रूप से तैयार रहने था। लड़की ने ईमेल से संजय के खिलाफ जो तहरीर दी है उस पर पुलिस सत्ताधारी भाजपा के डर से एफआइआर दर्ज करने से कतरा रही है। भाजपा में संगठन महामंत्री सीधे आरएसएस का प्रतिनिधि होने के नाते प्रदेश अध्यक्ष से अधिक पावरफुल होता है। उसकी नियुक्ति संघ करता है और संघ ही हटा भी सकता है। यही नहीं सरकार भी संगठन महामंत्री के इशारों पर काम करती है, क्योंकि इस पदाधिकारी के इशारे का मतलब संघ का इशारा माना जाता है। अब कल्पना की जा सकती है कि संजय कुमार अपनी हैसियत का कितना दुरुपयोग कर रहा होगा।
उत्तराखण्ड में भाजपा नेताओं के सेक्स स्कैण्डल नये नहीं हैं। त्रिवेन्द्र सरकार में कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत पर बलात्कार की एफआइआर तीन बार दर्ज हो चुकी है। एक बार उन पर असम की कंुवारी लड़की ने उससे बलात्कार कर गर्भधारण कराने का आरोप लगाया था जिस कारण उन्हें मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था। बाद में डीएनए जांच में नवजात के साथ हरकसिंह का डीएनए मैच न होने के कारण वह आरोप मुक्त हो गये। उन पर 2014 में भी दिल्ली में एक लड़की ने नौकरी का झांसा देकर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया मगर लड़की बाद में पुलिस के पास बयान देने नहीं आयी। सन् 2003 में हरक सिंह पर आरोप लगाने वाली लड़की ने दुबारा दिल्ली के सफदरजंग थाने में 29 जुलाइ 2016 को दुष्कर्म का मामला दर्ज किया। लेकिन बाद में लड़की ने अपनी रिपोर्ट वापस ले ली। अप्रैल 2007 में दिल्ली में नीलम शर्मा नाम की एक तलाकशुदा महिला द्वारा आत्महत्या किये जाने पर कांग्रेस और समाजवादी पार्टी की ओर से हरिद्वार में एक मंत्री के खिलाफ कई दिनों तक धरने प्रदर्शन किये गये। अप्रैल 2008 में खण्डूड़ी सरकार के दौरान एक बारहवीं कक्षा की गरीब छात्रा से नौकरी का झासा देकर सामूहिक बलात्कार के मामले में भाजपा सहकारी प्रकोष्ट के पूर्व जिला अध्यक्ष प्रमोद गुप्ता को आजीवन कारवास की तथा एनजीओ प्रकोष्ठ के अशोक कुमार को 10 साल की सजा हुयी थी।
इस मामले में पीड़िता की पैरवी कर रही समाधान एनजीओ की संचालिका रेनू सिंह का कहना है कि लड़की ने उनसे इस गैंग रेप में शामिल एक बड़े भाजपा नेता और एक आइएएस का नाम भी बताया था मगर भाजपा सरकार के दबाव में पुलिस ने इन बलात्कारियों को बचा लिया। वर्ष 2009 में अल्मोड़ा जिले की एक लड़की ने पीलीभीत में आत्महत्या की थी और उसकी मां ने इस आत्महत्या के लिये खण्डूड़ी सरकार के एक मंत्री को जिम्मेदार बताया था। एक युवती ने 11 अगस्त 2010 को नैनीताल हाइकोर्ट में याचिका दायर कर तत्कालीन मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल निशंक पर यौन शोषण का आरोप लगाते हुये कोर्ट से सुरक्षा की मांग की थी। वह लड़की हत्या के मामले में जेल में थी और उन दिनों जमानत पर थी। बाद में लड़की ने मामला वापस ले लिया था।

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भाजपाइयों का यौन रोग नौकरशाही को भी लगा
जब सरकार में बैठे लोग ही रंगरलियों में डूबे हुये हो तो फिर उनके मातहत काम करने वाली नौकरशाही से भी मर्यादापरुषोत्तम बनने की अपेक्षा कैसे की जा सकती है। अगस्त 2013 में जब सारा प्रदेश आपदाग्रस्त था हजारों लोग केदारनाथ आपदा में मारे गये थे और हजारों अन्य बेघर हो गये थे। इस विनाशलीला से लोगों के बचाव एवं राहत के लिये सचिवालय में देर रात तक काम चल रहा था तो एक अधिकारी ने रात और एकान्त का दुरुपयोग करते हुये अपनी मातहत कर्मचारी के साथ दुराचार का प्रयास किया। उस दुराचारी के चंगुल से बची कर्मचारी ने इसकी शिकायत मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा और मुख्य सचिव सुभाष कुमार से भी की मगर दोषी अधिकारी का बाल बांका तक नहीं हुआ। इसके बाद नवम्बर में दिल्ली में राज्य के अपर सचिव जे. पी. जोशी के खिलाफ नौकरी का झांसा देकर दुराचार करने की श्किायत दर्ज हुयी जिस पर जोशी को 3 दिसम्बर 2013 को गिरफ्तार किया गया। इस काण्ड में जोशी पूरे एक साल बाद फरबरी 2015 में जमानत पर रिहा हुये। कुछ वर्ष पहले सचिवालय का एक संयुक्त सचिव रात को होमगार्ड की महिला कर्मचारी के साथ एक कार में पकड़ा गया।
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जयसिंह रावत
ई-11, फ्रेंड्स एन्कलेव, शाहनगर
डिफेंस कालोनी रोड
देहरादून।

mobile 9412324999
jaysinghrawat@gmail.com



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