जड़ों के बिना घास: विकास में जनभागीदारी: -देवेन्द्र कुमार बुडाकोटी उत्तराखंड में पंचायत चुनावों की गहमागहमी अब थम चुकी है। उम्मीद की जाती है कि अब नव-निर्वाचित पंचायत प्रतिनिधि ग्रामीण विकास की गंभीर प्रक्रिया में जुटेंगे। यह प्रक्रिया सैद्धांतिक रूप से सहभागी होनी चाहिए—ग्राम सभा की भागीदारी पर आधारित, जिसमें हर वयस्क ग्रामीण की आवाज़ शामिल हो। लेकिन जमीनी हकीकत
No comments:
Post a Comment