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Tuesday, December 27, 2016

विषम घड़ी में जनता से सीधा संवाद कर गये नरेन्द्र मोदी
o   मोदी ने अपने कई निर्णयों पर लगाई जनता की मोहर
o   एक बार फिर विलक्षण वक्तृत्व कला का परिचय दे गये
o   नोटबंदी पर भी जनता की हां कराने मे ंरहे सफल
--जयसिंह रावत।
ठीक विधानसभा चुनाव की आचार संहिता लगने से पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अपने उत्तराखण्ड दौरे में पूर्व घोषितऑल वेदर रोडके अलावा प्रदेशवासियों को कोई अन्य सौगात तो नहीं दे पाये मगर शब्दों की जादूगरी की विलक्षण कला के माध्यम से वह जनता से सीधे संवाद करने और विशाल जनसमुदाय के दिलों को छूने में अवश्य ही कामयाब हो गये। कुल मिला कर देखा जाय तो प्रधानमंत्री राज्य के लिये कोई बड़ी नयी घोशणा करने या पैकेज देने के बजाय राज्यवासियों को अपनी वाकपटुता से मीठी-मीठी गोलियां थमा गये।
उत्तराखण्ड की राजधानी के ऐतिहासिक परेड ग्राउण्ड में मंगलवार को आयोजित भाजपा की परिवर्तन महारैली में पहाड़ की जवानी और पहाड़ के पानी के पहाड़ के काम आने की कहावत को गलत साबित करने के वायदे के अलावा प्रधानमंत्री ने ठीक विधानसभा चुनाव से पूर्व आयोजित इस जनसभा के माध्यम से राज्य के लिये सौगात की कोई घोषणा नहीं की। नौटबंदी से त्रस्त देशवासियों के लिये भी प्रधानमंत्री की ओर से कोई राहत की घोषणा नहीं हुयी। जिसऑल वेदर रोडका शिलान्यास करने प्रधानमंत्री आये थे, उसकी घोषणा केन्द्रीय भूतल परिवहन मंत्री नितिन गडकरी पिछले साल हरिद्वार में कर चुके थे। यह घोषणा उसके बाद निरन्तर दुहरायी जाती रही। यद्यपि कांग्रेस सरकार ने सामरिक दृष्टि से इस अति महत्वपूर्ण विषय को गंभरता से नहीं लिया मगर यह सोच पूर्व भूतल परिवहन राज्य मंत्री ऑस्कर फर्नांडीज की ही थी, जिसकी घोषणा वह 2013 की केदारनाथ महाआपदा के दौरान देहरादून में आयोजित प्रेस काफ्रेंस में कर चुके थे। भाजपा की इस चुनावी सभा में मोदी द्वारा उत्तराखण्ड के लिये कोई पैकेज या बड़ी घोषणा किये जाने के बावजूद वह अपनी बेजोड़ वाग्मिता से जनता से सीधा संवाद करने और लोगों के दिलों को छूने में अवश्य ही कामयाब हो गये। यही नहीं वह अपने चिरपरिचित अंदाज में नोटबंदी जैसे अपने विवादित निर्णयों पर जनमत हासिल करने में भी कामयाब होते नजर आये। हालांकि राजनीति में लोगों की रोजी उनकी जुबान से ही चलती है मगर ऐसी विलक्षण वक्तृत्व कला विरले ही राजनेताओं में होती है। जो जितना अच्छा वक्ता होता है वह उतना ही अच्छा नेता माना जाता है।
मोदी ने अपने भाषण की शुरूआतऑल वेदर रोडके तोहफे से की और उसके बाद वह अपनी सरकार के निर्णयों को एक के बाद एक गिनाने के साथ ही जन समुदाय से पूछते चले गये कि, बोलो ठीक किया या नहीं? उन्होंने यह भी पूछा कि काले धन और कालेमन वालों के खिलाफ लड़ाई शुरू कर उन्होंने ठीक काम किया या नहीं? ऐसा लग रहा था मानों कि वह अपने किये पर जनादेश या जनमत लेने ही देहरादून आये हुये थे। लगभग 47 मिनट के अपने लच्छेदार भाषण में उन्होंने लगभग तीन दर्जन बार अपने चिरपरिचित अंदाज मेंभाइयो और बहनों का संबोधन किया तथा कम से कम पांच बार अपने निर्णयों के बारे में जनता की राय ली। मोदी ने जनसमुदाय से पहला सवाल हजार दिन में 18 हजार गावों में बिजली पहुंचाने के निर्णय पर दागा। उनका कहना था कि वह अब तक 12 हजार गावों तक बिजली पहुंचा चुके हैं जिनमें उत्तराखण्ड के भी गांव हैं। मोदी का सवाला था कि उन्होंने अपना वायदा पूरा किया या नहीं ? मोदी का कहना था कि लाखों गरीब परिवारों को गैस कनेक्शन दे कर उन्होंने महिलाओं की जानें बचायी या नहीं? उनका दावा था कि लकड़ी के चूल्हे में खाना पकाते समय एक महिला के अन्दर 400 सिगरेट के बराबर धुआं जाता है। उन्होंने पूछा कि माता-बहनों की जाने बचाई जानी चाहिये थी या नहीं? उन्होंने फिर पूछा कि क्या सरकार ने गरीबों की जिन्दगी बदल कर अच्छा काम किया या नहीं?
मोदी नेवन रैंक वन पेशनके मामले में भी जन समुदाय से सवाल किया कि एक ही परिवार और एक ही पार्टी के शासनकाल में पिछले 40 सालों से लाखों पूर्व सैनिक एक रैंक एक पेंशन की मांग कर रहे थे। लेकिन 2014 के लोकसभा चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस की सरकार ने पूर्व सैनिकों की आखों में धूल झौंकने के लिये 500 करोड़ का प्रावधान कर दिया जबकि इस पर 10 हजार करोड़ रुपये के बजट की जरूरत थी। उन्होंने उत्साही भाजपा समर्थक जनसमुदाय से पूछ डाला कि क्या कांग्रेस ने धूल झौंकने का काम किया या नहीं? मोदी ने नोटबंदी पर भी जनसमुदाय से जनमत मांगा।
कुल मिला कर देखा जाय तो प्रधानमंत्री राज्य के लिये कोई बड़ी नयी घोशणा करने या पैकेज देने के बजाय राज्यवासियों को  तारीफों की  मीठी-मीठी गोलियां थमा गये। यही नहीं वह चुनाव तैयारियों में जूझे हुये भाजपाइयों में नयी स्फूर्ति और नया जोश भरने में अवश्य कामयाब हो गये। यही नहीं वह काग्रेस के रणनीतिकारों और खास कर चुनावी महाभारत में अभिमन्यु की तरह अकेले लड़ रहे हरीश रावत की पेशानी में बल अवश्य डाल गये।
-जयसिंह रावत
-फ्रेंड्स एन्क्लेव, शाहनगर,
डिफेंस कालोनी रोड,
देहरादून।
मोबाइल- 09412324999


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