“बाबुओं” की वजह से महान वैज्ञानिक अल्बर्ट आइंस्टीन *बीएचयू* के प्रोफेसर न हो सके: - गोविंद प्रसाद बहुगुणा - एक तो महामना मदनमोहन मालवीय जी थे जिन्होंने जगह- जगह से विद्वानों को इक्क्ठा कर विश्वविद्यालय की फैकल्टी तैयार की थी और एक ये "बाबू जी'' रजिस्ट्रार महाशय थे, जिन्होंने एक पल में उनकी सारी मेहनत पर पानी फेरने का काम किया - यह किस्सा मैंने ममालवीय स्मृति ग्रंथ में
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