सोशल मीडिया पर एक मैदानी पुष्प को दिव्य ब्रह्म कमल बता कर प्रचारित किया जा रहा है . जबकि इन दोनों पादपों या पुष्पों में जमीन आसमान का अंतर है. इनमे से एक वास्तविक ब्रह्मकमल हिमालय का पुष्प है जिसे हिन्दू जनमानस दिव्य और पवित्र मानता है , जबकि दूसरा Epiphyllum oxypetalum मैदानी पुष्प है जो बहुत सुन्दर और अति मोहक खुशबू वाला है. बॉटनिकली भी इन दोनों का दूर दूर तक आपस में कोई रिश्ता नहीं है. इन दोनों में से एक हिमालय पर नहीं उग सकता और दूसरा मैदानी इलाकों में जीवित नहीं रह सकता. सोशल मीडिया पर हर कोई अपने घर के गमलों में उगे कैक्टस को ब्रह्मकमल बता कर प्रचारित कर रहा है। इसलिए मैं दोनों पुष्पों का वैज्ञानिक/ बोटानिकल विश्लेषण यहाँ दे रहा हूँ. रात को खिलने वाला कैक्टस इन दिनों मेरे गार्डन में खिल रहा है. जबकि वास्तविक ब्रह्मकमल मैंने फूलों की घाटी और हेमकुंड साहिब / लोकपाल की चढ़ाइयों पर देखा है.
No comments:
Post a Comment