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Sunday, June 25, 2023

*अव्यभिचारिणी* भक्ति वह है जो स्वार्थ और अभिमान त्याग कर श्रद्धा भाव से प्रभु का चिन्तन करती है

*अव्यभिचारिणी* भक्ति वह है जो स्वार्थ और अभिमान त्याग कर श्रद्धा भाव से प्रभु का चिन्तन करती है

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