टिहरी झील में हुई उत्तराखण्ड कैबिनेट की बैठक
टिहरी झील मंे
पहली बार आयोजित
फ्लोटिंग मरीना (झील के
ऊपर तैरता हुए
रेस्तरां) में
मंत्री परिषद की बैठक
आयोजि की गई।
बैठक में वर्ष
2018 को रोजगार वर्ष के
रूप में मनाने
का निर्णय लिया
गया। बैठक में
कुल 13 बिंदु प्रस्तावित थे
जिनमें से 12 बिंदुओं पर
सर्व सम्मति से
निर्णय लिया गया।
बुधवार को टिहरी
झील के ऊपर
फ्लोटिंग मरीना में राज्य
कैबिनेट की बैठक
ठीक 11 बजे मुख्यमंत्री
त्रिवेंद्र सिंह रावत
की अध्यक्षता में
शुरू हुई। राज्य
के इतिहास में
यह पहला अवसर
है जब झील
के ऊपर बैठक
हुई। सीएम और
मंत्रियों ने लाईफ
जैकेट पहनकर राज्य
हित में 12 बिंदुओं
पर निर्णय लिए।
बैठक समाप्त होने के
बाद शहरी विकास
मंत्री और सरकार
के प्रवक्ता मदन
कोशिक ने बैठक
में जो निर्णय
लिए गए उनकी
जानकारी दी। राज्य
की मंत्री परिषद
की बैठक में
यह निर्णय लिए
गए-
1. 13 डिस्ट्रिक्ट
13 डेस्टिनेशन के तहत
सभी जिलों में
एक-एक नए
पर्यटक क्षेत्र को विकसित
कर उसे नया
पर्यटक गंतव्य बनाया जाएगा।
इनमें टिहरी जिले
में टिहरी बांध
की विशालकाय 42 वर्ग
किमी झील को
पूर्ण रूप से
विकसित कर नया
अंतराष्ट्रीय पर्यटक स्थल बनाना
शामिल है। इसके
अतिरिक्त अल्मोड़ा में कटारमल
का सूर्य मंदिर,
नैनीताल में मुक्तेश्वर
धाम, पौड़ी में
सतपुली और खैरासैण,
चमोली में गैरसैण
और भराड़ीसैण, देहरादून
में महाभारत सर्किट
के रूप में
लाखामंडल, हरिद्वार में पावन
भूमि शक्तिपीठ, उत्तरकाशी
में मोरी हरकीदून,
रूद्रप्रयाग में चिरबटिया,
ऊद्यमसिंहनगर में गुलरभोज,
चंपावत में देवीधुरा,
बागेश्वर में गरूण
वैली और पिथौरागढ़
में मोस्टमानो शामिल
है।
2. पंडित दीनदयाल सामाजिक सुरक्षा
योजना के तहत
गरीब व असहाय
महिलाओं को विभिन्न
रोजगार के लिए
एक लाख रूपए
तक का ऋण
एक प्रतिशत ब्याज
पर जिला सहकारी
बैंकों से दिया
जाएगा।
3. एससी/एसीटी/ओबीसी आरक्षण
गणना में 1.5 से
ऊपर को डबल
माना जाएगा।
4. उत्तराखंड
राज्य अधिनस्थ सेवा
वयैक्तिक सहायक की पदोन्नति
और सीधी भर्ती
का हरी झंडी।
5. प्रदेश में एमएसएमआई
(सूक्ष्म, मध्यम एवं लघु
उद्योग ) की क्रय-विक्रय नीति में
संसोधन करते हुए
पर्यटन को उद्योग
का दर्जा देने
का निर्णय लिया
गया। आयुर्वेद, पंचकर्म,
यूनानी चिकित्सा, नेचुरलोपैथी, योगा,
होम्योपैथी, स्पॉ, पॉवर वोट,
स्किल गेम, वोटर
स्कीईंग, राफ्टिंग को पर्यटन
के क्षेत्र में
उद्योग का दर्जा
दिया गया।
6. एमएसआई
(भारतीय चिकित्सा परिषद) के
ढांचे का पुनर्गठन
करते हुए आठ
नए पदों का
सृजन किया गया।
पूर्व में इसके
लिए सात पद
स्वीकृत थे। नए
पदों में आशुलिपिक,
चतुर्थ श्रेणी, कनिष्ठ सहायक
कम डाटा एंट्री
ऑपरेटर आदि पदो
को मंजूरी दी
गई।
7. मेथा प्रजाति को मंडी
परिषद से अलग
किया गया।
8. वीरचंद्र
सिंह गढ़वाल योजना
का दायार बढ़ाते
हुए कुल 19 उद्योगों
के लिए ऋण
मुहैय्या करवाया जाएगा। पूर्व
में 8 बिंदुओं पर
ऋण दिया जाता
था। नए बिंदुओं
में साहसिक खेलों
को वरीयता देते
हु कयाकिंग, कैरा
वैन, एंकलिंग, स्टार
डैसिंग, लॉंड्री, बैकरी, म्यूजियम,
स्मारिका, उत्पादन एवं विक्रय
केंद्र और ट्रेकिंग
उपकरणांे के लिए
ऋण दिया जाएगा।
9. मेगा इंडस्ट्रीज इन्वेस्टमेंट नीति
में संसोधन करते
हुए लार्ज, मेगा
और अल्ट्रा मेगा
उद्योगों को बढ़ावा
दिया जाएगा। इसके
तहत सी-प्लेन,
आयुष, वैलनेश, रोपवे,
पॉवर वोट, वंचिंग
जंपिंग, कयाकिंग सहित 22 बिंदु
में समाहित किए
गए हैं।
10. रूद्रप्रयाग
जिले के बेला
कोटेश्वर में स्थित
ज्योतिष पीठाश्वर जगतगुरू स्वामी
माधवाश्रम के चिकित्सालय
को राजकीय चिकित्सालय
का दर्जा दिया
गया। इसमें कार्यरत
कर्मियों को भी
समायोजित करने का
मंत्री परिषद ने निर्णय
लिया।
11. पीरूल के लिए
पहली बार स्पष्ट
नीति बनाते हुए
इसे रोजगार से
जोड़ा गया हैं
पीरूल से बिजली,
तारपिन, बयो फ्यूल
बनाया जाएगा। बायो
फ्यूल के लिए
देहरादून में भूमि
आवंटन किया गया
है।
इसके अलावा दो बिंदुओं
पर ब्रीफिंग नहीं
की गई, क्योंकि
निकाय चुनाव की
आचार संहिता चल
रही है। इसके
चलते सरकारी प्रवक्ता
मदन कौशिक ने
दो बिंदुओं की
घोषणा नहीं की।
बैठक में यह
मंत्री रहे मौजूद-
वित्त मंत्री प्रकाश पंत,
पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज,
वन मंत्री डा.
हरक सिंह रावत,
कृषि मंत्री सुबोध
उनियाल, समाज कल्याण
मंत्री यशपाल आर्य, शिक्षा
मंत्री अरविंद पांडेय, शहरी
विकास मंत्री व
सरकार के प्रवक्ता
मदन कौशिक, बाल
विकास राज्यमंत्री रेखा
आर्य।
इस मौके पर
टिहरी के विधायक
धन सिंह नेगी,
प्रतापनगर के विधायक
विजय सिंह पंवार,
घनसाली विधायक शक्तिलाल शाह,
मुख्य सचिव उत्पल
कुमार, प्रमुख सचिव राधा
रतूड़ी, आयुक्त गढ़वाल मंडल
दिलीप जावलकर, डीएम
सोनिका, एसएसपी विमला गुंज्याल
आदि मौजूद रहे।
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