अन्धेर
नगरी- चौपट राजा, टका सेर भाजी, टका सेर खाजा...
सम्पति
का ब्यौरा देने से कतरा रहे हैं मंत्री और विधायक
जयसिंह रावत, देहरादून ( दैनिक
प्रभात)
अन्धेर नगरी चौपट
राजा, टका सेर
सब्जी टका सेर
खाजा वाली कहावत
नये राज्य उत्तराखण्ड
में चरितार्थ हो
रही हैं। विधानसभा
नियमावली के अनुसार
प्रत्येक विधायक को हर
साल अपनी सम्पत्ति
का ब्यौरा विधानसभा
सचिवालय को देना
होता है जिसे
हर साल राज्य
के गजट में
भी प्रकाशित कराना
जरूरी होता है,
लेकिन जब नियमों
का पालन कराने
वाली कार्यपालिका या
सरकार उसका पलान
न करे और
सरकार को नियमों
का पालन कराने
तथा गलत रास्ते
पर जाने से
रोकने वाला विपक्ष
भी सरकार की
ही राह चले
तो फिर इसे
अन्धेर नगरी नही
ंतो और क्या
कहेंगे?
विधानसभा नियमावली अनुसार प्रत्येक
विधायक को प्रतिवर्ष
अपना वार्षिक सम्पत्ति
विवरण विधानसभा में
देना होता है
तथा जन सूचनार्थ
इसे उत्तराखंड के
गजट में प्रकाशित
भी किया जाता
है। लेकिन जब
मुख्यमंत्री और उनके
सहयोगी मंत्री ही विधानसभा
को अपनी सम्पत्ति
का ब्यौरा हनीं
देंगे तो अन्य
विधायकों से क्या
अपेक्षा की जायेगी। यही
नहीं जब प्रतिपक्ष
के नेता भी
अपना ब्यौरा नहीं
देंगे तो विधानसभा
में सरकार का
जवाब तलब कौन
करेगा? उत्तराखंड के 70 में
से 59 विधायकों ने
01 जनवरी 2012 से अपना
कोई वार्षिक सम्पत्ति
विवरण विधानसभा मेें
नहीं दिया है।
इसमें प्रदेश के
मुख्यमंत्री संहित 12 में से
9 मंत्री भी शामिल
है। सूचना अधिकार
के अन्तर्गत सूचना
अधिकार विशेषज्ञ नदीम उद्दीन
एडवोकेट को उपलब्ध
करायी गयी सूचना
से यह खुलासा
हुआ है।
काशीपुर निवासी सूचना अधिकार
एक्टिविस्ट नदीम उद्दीन
एडवोकेट को विधान
सभा के लोेक
सूचना अधिकारी एवं
मुख्य सम्पादक सुनील
हरिव्यासी ने अपने
पत्रांक 414 दिनांक 23 दिसम्बर 2013 से
उन विधायकों व
मंत्रियों की सूची
उपलब्ध करायी है जिन्हांेंने
01 जनवरी 2012 से अपना
कोई वार्षिक सम्पत्ति
विवरण नहीं दिया
है। नदीम को
उपलब्ध करायी गयी सूचना
के अनुसार सम्पत्तियों
का विवरण उपलब्ध
न कराने वाले
मंत्रियों में मुख्यमंत्री
विजय बहुगुणा तथा
उनके मंत्री मंडल
के 8 मंत्री शामिल
है। इसके अतिरिक्त
नेता प्रतिपक्ष अजय
भट्ट ने भी
पिछले दो वर्षों
में कोई सम्पत्ति
विवरण उपलब्ध नहीं
कराया है।
आर टी
आइ सूचना के
अनुसार सम्पत्ति विवरण उपलब्ध
न कराने वाले
मंत्रियों में हरक
सिंह रावत, प्रीतम
सिंह, दिनेश अग्रवाल,
सुरेन्द्र राकेश, सुरेन्द्र सिंह
नेगी, इन्दिरा ह्रदयेश,
अमृता रावत व
यशपाल आर्य शामिल
है। नदीम को
उपलब्ध करायी गयी सूचना
के अनुसार सम्पत्ति
विवरण न देने
वाले 50 विधायकों मेें माल
चन्द्र, विजय पाल
सिंह सजवाण, राजेन्द्र
सिंह भंडारी, शैला
रानी रावत, भीमलाल
आर्य, सुबोध उनियाल,
विक्रम सिंह, दिनेश धनै,
महावीर सिंह, नवप्रभात, रमेश
पोखरियाल ’निशंक’, प्रेमचन्द्र अग्रवाल,
मदन कौशिक, आदेश
चौहान, चन्द्र शेखर, हरिदास,
फुरकान अहमद, प्रदीप बत्रा,
कुंवर प्रणव सिंह
चैम्पियन, सरवत करीम
अंसारी, संजय गुप्ता,
यतीश्वरानन्द, सुन्दर लाल मन्द्रवाल,
गणेश गोदियाल, तीरथ
सिंह रावत, दलीप
सिंह रावत, हरीश
धामी, मयूख सिंह,
नारायण राम आर्य,
ललित फर्स्वाण, चन्दन
राम दास, मदन
सिंह बिष्ट, सुरेन्द्र
सिंह जीना, अजय
भट्ट, अजय टम्टा,
मनोज तिवारी, पूरन
सिंह फर्त्याल, हेमेश
खर्कवाल, दान सिंह
भंडारी, सरिता आर्य, शैलेन्द्र
मोहन सिंघल, अरविन्द
पांडे, राजकुमार ठुकराल, राजेश
शुक्ला, प्रेम सिंह, पुष्कर
सिंह धामी, उमेश
शर्मा (काऊ), राजकुमार, हरबन्स
कपूर व गणेश
जोशी शामिल है।
ल्लेखनीय है कि
नियमानुसार प्रत्येक विधायक को
अपना वार्षिक सम्पत्ति
विवरण विधानसभा में
देना होता है
तथा जन सूचनार्थ
इसे उत्तराखंड के
गजट में प्रकाशित
भी किया जाता
है।